
नई दिल्ली @ News-36. यह वर्ष भारतीय रेलवे के लिए "दृढ़ता और विजय का वर्ष" रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और उनके विजन के तहत भयभीत करने वाली और अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रही भारतीय रेलवे, न केवल राष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला को चालू रखने में समर्थ रही, बल्कि उसने बेहद प्रतिकूल परिस्थितियों में लाखों लोगों को उनके घर वापस भेजा। रेलवे बुनियादी ढांचे के विकास, नवाचार, नेटवर्क क्षमता में विस्तार, माल ढुलाई विविधीकरण और पारदर्शिता के मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि करने में सफ ल रही। रेलवे ने कोविड चुनौती का इस्तेमाल भविष्य के विकास और यात्रियों के लिए यात्रा के अगले स्तर की नींव रखने के अवसर के रूप में किया है।
इन क्षेत्रों में बेहतर सेवाएं
- कूरियर सेवाओं, ई-कॉमर्स कंपनियों को विश्वसनीय सेवाएं प्रदान करने के लिए समय-सारणी के अनुसार पार्सल सेवाएं शुरू की गई हैं।
- किसानों को बढ़ी हुई गति और कम लागत के साथ देश भर में उनकी उपज भेजने के लिए 8 किसान रेल सेवाएं शुरू की गई हैं।
- मालगाडिय़ों की गति दोगुनी करना: मालगाडिय़ों की गति एक साल पहले के 24 किलोमीटर प्रति घंटे के स्तर से लगभग दोगुनी होकर 46 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी गई है जिसका मतलब है कि उपज भेजने में आधा समय लगेगा।
- रेलवे के साथ ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए बड़ी संख्या में माल भाड़ा प्रोत्साहन योजनाएं शुरू की गई हैं और गैर-टैरिफ उदारीकरण के उपाय किए गए हैं। हाल ही में रेलवे ने पथ प्रदर्शक "प्रीमियम इंडेंटिंग" योजना के साथ-साथ उन ग्राहकों के लिए एक रास्ता शुरू किया, जो अपनी डिलीवरी को प्राथमिकता देना चाहते हैं।
- इन सभी पहलों के साथ, रेलवे के की माल ढुलाई से नवम्बर 2020 के महीने में 109.68 मिलियन टन (एमटी) की रिकॉर्ड ढुलाई करके उल्लेखनीय वसूली की है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में की गई ढुलाई की समान अवधि के लिए लोडिंग की तुलना में 9त्न अधिक है। माल ढुलाई जोर-शोर से जारी है।
राष्ट्रीय रेल योजना: 2050 तक यातायात
प्रधानमंत्री की सलाह है कि "बिना किसी लक्ष्य के आगे बढऩे के बजाय बेहतर होगा कि एक कठिन लक्ष्य निर्धारित कर लिया जाए और उसे हासिल किया जाए", रेल मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के सलाह के अनुसार संचालन और प्रबंधन के सभी क्षेत्रों में युगांतरकारी परिवर्तनों की शुरुआत की। राष्ट्रीय रेल योजना: 2050 तक यातायात आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विजन भी तैयार किया है।
राष्ट्रीय सम्पर्क की प्रगति :
जम्मू और कश्मीर :
दिसम्बर 2022 तक उधमपुर- श्रीनगर- बारामूला रेल सम्पर्क (यूएसबीआरएल) परियोजना
लम्बाई: 272 किलोमीटर तैयार- 161 किलोमीटर, (कटरा बनिहाल सेक्शन पर काम बाकी)
-पूर्वोत्तर भारत :
23 मार्च, 2023 तक सभी पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियां (शिलांग को छोड़कर)
त्रिपुरा में 112 किलोमीटर लंबी अगरतला-सबरुम रेल लाइन पूरी
लुम्बडिंग से होजई तक 45 किलोमीटर लंबी दोहरीकरण परियोजना पूरी
रामेश्वरम : अक्टूबर 2021 तक आधुनिक पम्बन पुल
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी : दभोई-केवडिय़ा परियोजना में पूरी : परिचालन जनवरी 2021 में शुरू
उत्तराखंड : दिसम्बर 2024 तक ऋषिकेश कर्णप्रयाग लिंक (125 किलोमीटर)
चार धाम सम्पर्क के लिए डीपीआर तैयार
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