दुर्ग @ news-36. कहते है यदि मन में दृढ इच्छाशक्ति और लगन हो तो दुनिया की हर चीज सम्भव है। प्रतिभा कभी भी किसी भी चीज की मोहताज नही होती है बस उसे सही समय और सही अवसर की प्रतीक्षा होती है, कोरोनाकाल जैसे आपदा के समय में धमधा विकासखण्ड के मिडिल स्कूल पोटिया के छात्रों ने इसे अवसर में बदला है इस बार यहा से 10 विद्यार्थियों का चयन राष्ट्रीय सह साधन प्रावीण्य छात्रवृत्ति (एनएमएमएसई) के लिए हुआ है। अब यहां के हरेक छात्रों को हर माह एक हजार रूपये की छात्रवृत्ति नवमी से बारहवीं तक मिलेगी।
हर शिक्षक हरफनमौला
मिडिल स्कूल पोटिया का पूरा स्टाफ हरफ नमौला है, कोई भी काम मुझसे नही होगा, ऐसा कोई शब्द इनकी डिक्शनरी में है ही नही। इसी का यह सुखद परिणाम रहा है कि थोड़ा-थोड़ा प्रयास करते-करते आज विद्यालय राष्ट्रीय स्तर तक पहुच गया और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री ने इस विद्यालय को स्वच्छता के लिए पुरष्कृत किया। रुक्मणी शोरी, मंजूषा डोंगरे, धनुष कुमार नेताम, पवन कुमार सिंह ये सभी मिडिल स्कूल पोटिया के शिक्षकीय स्टाफ है। साथ में संकुल समन्वयक अमितेश तिवारी भी मार्गदर्शक की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।
हर कोई इनके स्कुल का मुरीद
प्रशासनिक स्तर का हर अधिकारी इनके स्कूल का मुरीद है। जिले के अधिकारी ही नहीं राज्य के अधिकारी भी स्कूल में पदस्थ शिक्षकों के पीठ थपथपाई। पोटिया स्कूल के शिक्षक पवन सिंह ही इस छात्रवृत्ति परीक्षा के मुख्य पथप्रदर्शक है। इस छात्रवृत्ति परीक्षा से गांव के पालको में अवेयरनेस आई है। पोटिया स्कूल के 10 वर्षों में अब तक कुल चयनित विद्यार्थी 38 है। वर्ष 2020 में चितेश्वरी, नेगिता, मानसी, गौरी, नीलिमा, कोनिका, भेखराज, निखिल, गिरिराज और आयुष चयनित हुए है ।
खुद के वेतन स्कूल के सहयोग में दिया
समय पर शिक्षक-शिक्षिकाओं ने जन समुदाय से भी सहयोग लिया और जरूरत पढऩे पर अपने वेतन से भी राशि दिए। लगभग 8 साल के अंदर सभी स्टाफ ने मिलकर लगभग 4 लाख रुपए स्कूल के लिए अपने वेतन से भेंट दिया है।