रायपुर @ News-36. रेलवे ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस के परिचालन को एक चुनौती के रूप में लिया और महाराष्ट्र के कलंबोली से नागपुर, गोंदिया, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई, रायपुर, लखोली होते हुए विशाखापट्टनम तक और वापस इसी रास्ते से नासिक तक पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस सफ लता पूर्वक चलाई। जिस पल रेलवे को, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंकरों के आवागमन के लिए जैसे ही निवेदन मिला, तत्काल काम शुरू हुआ। इसके लिए बहुत कम समय में रैंप बनाया गया।
रो-रो सेवा के आवागमन के लिए रेलवे को कुछ स्थानों पर घाट सेक्शन, रोड ओवर ब्रिज, टनल, कव्र्स, प्लेटफार्म कैनोपीज़, ओवर हेड इक्विपमेंट सहित कई बाधाओं पर विचार करते हुए पूरे मार्ग का एक खाका तैयार करना मामूली कार्य नहीं था। क्योंकि इस मूवमेन्ट में ऊंचाई एक महत्वपूर्ण पहलू है, रेलवे ने वसई के रास्ते मार्ग का खाका तैयार किया। 3320 मिमी की ऊंचाई वाले सड़क टैंकर 1618 के मॉडल को फ्लैट वैगनों पर रखा जाना संभव हो पाया

सावधानी बहुत ही जरूरी
ऑक्सीजन क्रायोजेनिक और खतरनाक रसायन है, इसलिए रेलवे को अचानक एक त्वरण, मंदन से बचना पड़ता है, बीच-बीच में प्रेशर की जांच करनी पड़ती है, खासकर जब यह भरी हुई स्थिति में हो। फि र भी, रेलवे ने इसे चुनौती के रुप में लिया, मार्ग का खाका तैयार कर कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया। इन विशेष आकार के टैंकरों को वसई, सूरत, भुसावल, नागपुर , गोंदिया, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई, रायपुर, लखौली के रास्ते से विशाखपट्टणम तक ले जाया गया।
1850 किमी की दूरी को 50 घंटों में किया तय
कलंबोली और विशाखपट्टणम के बीच की दूरी 1850 किमी से अधिक है, जो इन टैंकरों द्वारा केवल 50 घंटों में पूरी की गई थी। 100 से अधिक टन एलएमओ (लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन) वाले 7 टैंकरों को 10 घंटे में लोड किया गया और केवल 21.00 घंटे में वापस नागपुर ले जाया गया। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को ऑक्सीजन एक्सप्रेस पूर्व तट रेलवे से लाखौली इंटरचेंज प्वाइंट पर 10.45 सुबह में प्राप्त हुआ था, जिसे रायपुर मंडल ने दुर्ग इंटरचेंज प्वाइंट पर नागपुर मंडल को 12.25 दोपहर में सौंप दिया। नागपुर मंडल ने राजनांदगांव, डोंगरगढ़, गोंदिया, भंडारा रोड, कांप्टी स्टेशनों से सफ लतापूर्वक परिचालन करते हुए इसे रात्रि 8.10 बजे दिनांक 23 अप्रैल को मध्य रेलवे नागपुर स्टेशन पहुंचा दिया। नागपुर में 3 टैंकरों को उतार दिया है और शेष 4 टैंकर आज सुबह 10.25 बजे नासिक पहुंच गए हैं, यानि नागपुर से नासिक का अंतर केवल 12 घंटे में पूरा किया।