रायपुर @ news-36. छत्तीसगढ़ के एडीजी जीपी सिंह के सरकारी बंगले के सहित 15 ठिकानों पर मारे गए एंटी करप्शन ब्यूरो के छापे की कार्रवाई से बेहिसाब अवैध संपत्ति, बड़े लेन-देन और सेल कंपनियों के निवेश सहित मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं। आज एसीबी चीफ आरिफ शेख ने मीडिया से जांच रिपोर्ट के संबंध में जानकारी दिया है,उसके मुताबिक उनके ठिकानों से कई बैंकों के एकाउंट, पोस्ट आफिस में सेविंग, 75 से अधिक बीमा पॉलिसी सहित राज्य के बाहर निवेश के सुराग मिले हैं।
35 घंटों से चल रही है कार्रवाई
एडीजी के ठिकानों पर पिछले 35 घंटों से एसीबी की टीम जांच पड़ताल की कार्रवाई कर रही है। टीम ने गुरुवार की सुबह 6 बजे रेड डाली थी। इसके बाद अफ सर रातभर उनके घर डटे रहे। एसीबी की टीम को ओडिशा में बेहिसाब बेनामी संपत्ति के सबूत मिले हैं। गुरुवार देर रात तक जांच के बाद जीपी सिंह पर भ्रष्टाचार के मामले में प्रकरण दर्ज की गई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार
1 एडीजी गुरजिंदर पाल सिंह, उनकी धर्मपत्नी एवं पुत्र के नाम पर 75 से भी अधिक बीमा संबंधी दस्तावेज मिले हैं, जिनमें प्रीमियम के रूप में लाखों रूपये भुगतान किया जाना ज्ञात हुआ है।
- एक से अधिक एफ यूएफ एकाउंट बनाये गये हैं जिनके आय एवं व्यय की गणना अभी की जा रही है। इसी तरह बैंकों एवं डाकघरों में कई खातों की जानकारी मिली है,जिसकी गणना की जा रही है।
3 अब तक की जांच में 35 अवसरों पर शेयर एवं म्युचुअल फं ड में बड़ी राशि का निवेशकिया गया है। अब तक की गणना में 1.5 करोड़ से अधिक रकम शेयर एवं चुअल फं ड में निवेश किये जाने की जानकारी मिली है। गणना निरंतर जारी है।
4,अब तक की जांच में पोस्ट ऑफि स में विभिन्न सावधि जमा के कई खाते पाये गयेहैं। गणना की प्रक्रिया निरन्तर जारी है। आकड़ों में और वृद्धि की सम्भावना है।
5 ,अब तक की जांच में परिजनों के नाम पर हाइवा, जेसीबी, कांकीट मिक्सचर वाहनमशीन लगभग 75 लाख की जानकारी मिली है, जो परिजनों के नाम पर खरीदी गई
6, अब तक की जांच में जमीन, मकान व फ्लैट में राज्य एवं राज्य के बाहर बड़ी मात्रामें निवेश की जानकारी मिली है। जिसका आकलन किया जा रहा है।
- अब तक की जांच में कई बहुराज्यीय कंपनियों से परिजनों के बैंक खातों में 1 करोड़ से अधिक की जमा होने का पता चला है। अग्रिम जांच पर यह रकम और बढऩे की संभावना है।
- इस प्रकार अब तक की जांच में कुल 5 करोड़ से अधिक की चल-अचल सम्पत्तियों का पता लगाया गया है।
- जांच के तारतम्य में आज भी प्राप्त दस्तावेजों एवं जानकारियों के आधार पर अनेक व्यक्तियों से पूछताछ की गई और उनके कथन लिये गये हैं, जिससे और नये तथ्य प्रकट होने के सम्भावना है।
- जांच दल को निवास स्थान पर लगे सीसीटीवी के डीवीआर का अब तक पता नहीं चला है,तलाशी कार्यवाही निरन्तर जारी है।