रायपुर @ News-36. मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ और मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश की सरकार ने इस अभियान को प्रदेश के 21 जिलों तक विस्तारित करने का निर्णय लिया है। इसे अभियान से मलेरिया उन्मूलन के साथ ही एनीमिया और कुपोषण को खत्म करने एवं शिशु व मातृ मृत्यु दर में कमी लाने में मदद मिलेगी।
चौथे चरण का अभियान 15 जून से शुरू
बस्तर संभाग से मलेरिया को खत्म करने में मील का पत्थर साबित हो रहे मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के चौथे चरण की शुरूआत 15 जून से हो चुकी है। 31 जुलाई तक चलने वाले चौथे चरण के शुरूआती चार दिनों में ही स्वास्थ्य विभाग की टीम करीब 31 हजार घरों तक पहुंच चुकी है। इस दौरान एक लाख 28 हजार से अधिक लोगों की मलेरिया जांच कर पॉजिटिव पाए गए 1066 मरीजों का तत्काल इलाज शुरू किया गया है।
39 फीसदी की कमी
छत्तीसगढ़ में मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित बस्तर संभाग है। यहां मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के पहले तीन चरणों का व्यापक असर दिखा है। मई-2020 की तुलना में वहां मई-2021 में मलेरिया के मामलों में 39 प्रतिशत की कमी आई है। पिछले मई में बस्तर संभाग के सातों जिलों में जहां इसके कुल 2298 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं इस मई में केवल 1404 प्रकरण सामने आए हैं।
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कांकेर जिले में 84 प्रतिशत, कोंडागांव में 82 प्रतिशत, बस्तर में 37 प्रतिशत, दंतेवाड़ा में 22 प्रतिशत, सुकमा में 21 प्रतिशत, बीजापुर में नौ प्रतिशत और नारायणपुर में दो प्रतिशत की कमी आई है। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के प्रभाव से वहां एपीआई () यानि प्रति एक हजार की आबादी में सालाना मिलने वाले मलेरिया के मरीजों की संख्या में भी बड़ी कमी आई है। वर्ष 2016 में 26.78 एपीआई वाले बस्तर संभाग की एपीआई 2020 में घटकर 8.57 पर पहुंच गई है। इस अभियान को नीति आयोग और यूएनडीपी ने सराहना की है।
दुर्ग संभाग के ये जिले शामिल
बस्तर और सरगुजा संभाग में अभियान की सफ लता को देखते हुए राज्य सरकार इसे नौ और जिलों में विस्तारित करने जा रही है। सरगुजा संभाग के पांचों जिलों के साथ ही बिलासपुर संभाग के चार जिलों मुंगेली, कोरबा, रायगढ़ और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, दुर्ग संभाग के तीन जिलों बालोद, कबीरधाम और राजनांदगांव, रायपुर संभाग के दो जिलों धमतरी और गरियाबंद में 25 जून से मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही मलेरिया उन्मूलन के इस गहन अभियान की पहुंच प्रदेश के कुल 21 जिलों तक हो जाएगी। अभियान के अंतर्गत 20 लाख 29 हजार लोगों की मलेरिया जांच की जाएगी।
