बिलासपुर @ News-36. जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने बिलासपुर मरवाही सदन में पत्रकारवर्ता में लेमरू हाथी रिजर्व के क्षेत्रफल कम किए जाने का मुद्दा रखा।अमित जोगी ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि, जहां 4000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में 400 हाथियों को बसाने की तैयारी थी। उसे अचानक मुख्यमंत्री के निर्देश पर 450 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल कर 400 हाथियों को रखने की योजना में तब्दील कर दी गई।
जोगी ने प्रोजेक्ट को लेकर कहा कि कोरबा से सरगुजा तक फैले जंगलों में 180 गांवों की लगभग 3827.64 वर्ग किलोमिटर क्षेत्र में ये लगभग 400 हाथियों के लिए ये बनाया जाना था, लेकिन सरकार ने इस योजना में बदलाव कर दिया है। उनका कहना है कि 26/6/2021 को शासकीय अवकाश था। इसी दिन (द्वितीय शनिवार) अपर सचिव के पी राजपूत ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक को एक आदेश जारी किया है। जिसका आदेश क्रमांक एफ 8-6/2007/10-2 .. 26/6/21 है। मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुरूप रिजर्व को मंत्रिपरिषद के पूर्व निर्णय 27.08.19 के 1995.48 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल से कम करके 450 वर्ग किलोमीटर किए जाने का प्रस्ताव 3 दिन में तैयार कर भेजें। यानी इस आदेश से स्पष्ट है कि पहले की तुलना में रिजर्व क्षेत्र 80 फीसद कम है।
मामले में विवाद होने पर सरकार की ओर से यह कहा गया है कि यह जनता की भावना और 8 विधायकों की मांग थी। जबकि क्षेत्र की जनता और “हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति इसका विरोध कर रहे हैं। सरकार जिन 8 विधायकों की मांग का हवाला दे रही है। उनमें से 5 विधायक का क्षेत्र लेमरु रिजर्व क्षेत्र में आता ही नहीं है। अमित जोगी ने कहा कि अब सवाल ये उठता है कि जब मंत्रियों की बैठक में 27/8/19 लेमरू हांथी रिजर्व के क्षेत्र पर निर्णय हो गया और 94 करोड़ रुपए उसे बनाने में लगा दिए गए तो अचानक छुट्टी के दिन तड़ फड़ में 26/6/21 को मुख्यमन्त्री के निर्देश का पालन करने 3 दिन में इस पर कार्रवाई करने क्यों आदेशित किया गया? उन्होंने इस मामले में सरकार पर अडानी को जमीन देने के लिए ऐसा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने जमीन और खदान आवंटन के मामले को न्यायालय में चुनौती देने की बात कही है।