दुनिया की सबसे ऊंची चोटी फतह करने वाली छत्तीसगढ़ की दूसरे नंबर की पर्वतारोही बनीं बस्तर गर्ल नैना धाकड़, स्वास्थ्य मंत्री ने प्रथम पर्वतारोही होने का शुभकामनाएं देकर किया कन्फ्यूज

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भिलाई @ news-36.बस्तर की बहू नेहा धाकड़ ने दुनिया की सबसे ऊंची माउंट एवरेस्ट की चोटी (29028 फुट)फतेह कर छत्तीसगढ़ और देश का मान बढ़ाया है। पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले से 10 किलोमीटर दूर एक्टागुड़ा गांव की रहने वाली है। बचपन से पहाड़ चढऩे में रुचि है। इसी वजह से वह बस्तर गर्ल के नाम से भी जाना जाता है। वह माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा लहराने वाली प्रदेश की दूसरी पर्वतारोही महिला होंगी। इससे पहले भिलाई की बहू सविता धपवाल ने 1993 में ने माउंट एवरेस्ट की चोटी फतह कर चुकी हैं।
बछेंद्री पाल गु्रप के साथ गई

1993 में भिलाई की बहू सविता धपवाल के साथ गई थी। बछेंद्रीपाल गुप के साथ
माउंट एवरेस्ट की चोटी फतह करने वाली छत्तीसगढ़ की प्रथम पर्वतारोही है। उन्होंने 1984 में बछेद्रीपाल की समूह में माउंट एवरेस्ट की चोटी फतेह की थी। इस साल भी वह माउंट एवरेस्ट की चोटी फतह करने के लिए निकली हैं।
इस वजह से हुआ कन्यफ्यूजन
दरअसल में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने ट्वीट कर पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर फतेह करने के लिए शुभकामनाएं और बधाई दी है। उन्होंने नैना को छत्तीसगढ़ राज्य की प्रथम महिला पर्वतारोही बताया है। जबकि इससे पहले भिलाई की सविता धपवाल सबसे ऊंची चोटी फतह कर चुकी है। उनके शुभकामना को लेकर भिलाई के वरिष्ठ पत्रकार और सविता की इंटरव्यू करने वाले जाकिर हुसैन ने री-ट्वीट कर सही जानकारी साझा किया है।

आइए जानते हैं पर्वत पर फतह करने वाली मातृशक्तियों के बारे में

विश्व की प्रथम पर्वतारोही
जापानी पर्वतारोही जुन्को ताबेई, जो दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढऩे वाली पहली महिला हैं। जापान की जुन्को ताबेई ने साल 1975 में माउंट एवरेस्ट पर फतेह हासिल की थी.
भारत की प्रथम पर्वतारोही महिला
खेतिहर परिवार में जन्मी बछेंद्री ने बी.माउंट एवरेस्ट पर चढऩे वाली प्रथम भारतीय महिला हैं.उन्होंने वर्ष 1984 में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को छूआ था। बछेंद्री पाल का जन्म नकुरी उत्तरकाशी, उत्तराखंड में सन् 1954 को हुआ।
भारत की प्रथम दिव्यांग महिला

दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (29028 फुट) को फतेह करने वाली पद्मश्री डॉ अरुणिमा सिन्हा के नाम पहली विकलांग भारतीय महिला होने का रिकार्ड है। उन्होंने 21 मई 2013 को एवरेस्ट की चोटी फतेह कर रिकॉर्ड अपने नाम किया है। बता दें कि पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा,राष्ट्रीय स्तर की पूर्व वालीबाल खिलाड़ी है। 12 अप्रैल 2011 को लखनऊ से टे्रन पर सफर करते समय उसके बैग और सोने की चेन खींचने के प्रयास में कुछ अपराधियों ने बरेली के निकट पदमवाती एक्सप्रेस से अरुणिमा को बाहर फेंक दिया था, जिसके कारण वह अपना एक पैर गंवा बैठी थी। 2012 से केंद्रीय अद्योगिक सुरक्षा बल (सी आई एस एफ) में हेड कांस्टेबल के पद पर 2012 से कार्यरत हैं।
इस लिहाज से देश की चौथी पर्वतारोही
नैना धाकड़ देश की चौथी पर्वतारोही होंगी।

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