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छत्तीसगढिय़ा बासी कड़ही में उबाल, गैर छत्तीसगढिय़ा का मुद्दा सोशल मीडिया पर बटोर रही हैं सूर्खियां

ताराचंद सिन्हा/ रायपुर @ news-36. छत्तीसगढिय़ा बासी कड़ही सोशल मीडिया पर फिर से उबाल मारने लगी है। इस बार छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, रायपुर के नई कार्यकारिणी के सदस्यों का मनोनयन को लेकर गैर छत्तीसगढिय़ा (स्थानीयता)का मुद्दा उछाला गया है। जो सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रही है। छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के लेटर हेड पर जारी प्रेस विज्ञप्ति को एडिट कर स्थानीयता के मैसेज को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है।

इमोजी के साथ खूब मचे ले रहे हैं
स्थानीयता का मुद्दा, सोशल मीडिया में इमोजी के साथ खूब शेयर किया जा रहा है। लोग कमेंट्स के साथ मजे भी ले रहे हैं। इस वायरल पोस्ट की शुरुआत,राज्य-छत्तीसगढ़, नाम-छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स मगर 99 फीसद पदाधिकारी गैर छत्तीसगढिय़ा से हुई है। फिर नीचे लिखा हुआ है कि, कब तक ये मन ल मूड़ी मं बिठाहू, लोकल ल चुनाव हमर संग जुड़व …. छत्तीसगढिय़ा व्यापारी संघ।

संघ का नाम तो दिया, लेकिन …
सोशल मीडिया पर छत्तीसगढिय़ा व्यापारी संघ के नाम से पोस्ट किया गया है, लेकिन इसमें व्यापारी संघ ने किसी भी पदाधिकारी के नाम का उल्लेख नहीं है। छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज,रायपुर के लेटर हेड पर जारी प्रेस विज्ञप्ति को एडिट कर कमेंट्स किए हैं।

प्रदेशाध्यक्ष के नाम से 12 जुलाई को जारी हुआ है विज्ञप्ति
बता दें कि छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी के नाम से 12 जुलाई को प्रेस विज्ञप्ति जारी हुआ है। जिसमें उन्होंने चेंबर के कार्य में सहयोग करने एवं गतिशील बनाने के लिए चेंबर के संरक्षक, सलाहकार और चेयरमेन की सलाह से कार्यकारी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री एवं कार्यकारिणी सदस्यों का मनोनयन कर पदाधिकारियों का विस्तार की जानकारी दी है।

पहले एक संस्था ने उठाया था मुद्दा
छत्तीसगढ़ में स्थानीयता का मुद्दा बेहद गंभीर होते जा रहा है। 2018 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले एक संस्था ने स्थानीयता के इस मुद्दे को जन जन तक पहुंचाने का उठाया था। शुरुआती दिनों में संस्था ने बेशक जोर शोर से इस मुद्दे को उठाया भी, चुनाव के बाद शांत हो गया था। लेकिन अब यह मुद्दा उछाला जा रहा है।

वजह ये तो नहीं
इसमें कोई शक नहीं है कि समृद्ध छत्तीसगढ़ की उपजाऊ धरती ने मजदूर से लेकर उद्योगपति तक को पनाह दिया है। यहां सभी को लाड प्यार भी मिल रहा है। बहुत कम ही ऐसे लोग होंगे, जो यहां आने के बाद वापस लौटने की सोचता होगा। जो भी आया, यहां रहकर अपना जीवन यापन कर रहा है, लेकिन यहां उद्योग धंधे लगाने वालों ने छत्तीसगढ़ के स्थानीय नौजवानों को संस्थान में पहली प्राथमिकता देने की पहल नहीं की है। छत्तीसगढ़ के नौजवान केवल दिहाड़ी मजदूर की भूमिका में उद्योग में भागीदार बन कर रह जाता है। यही हाल सरकारी नौकरी का भी है। सरकारी नौकरियों में भी गैर छत्तीसगढिय़ा का ही बोलबाला है। चयन कमेटी की ओर देखें तो छत्तीसगढ़ के नौजवान बाबू और सिपाही के पोस्ट पर ही नजर आते हैं।




कार्यकारिणी में सभी को प्राथमिकता
प्रदेश कार्यकारिणी में सभी को जगह दी है। चेंबर में कोई नाराजगी वाली बात नहीं है। जिस बारे में आप बात कर रहे हैं। उसकी मुझे जानकारी नहीं है।
अमर पारवानी, अध्यक्ष
छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, रायपुर

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