राजनांदगांव @ News-36. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज, राजनांदगांव के अधीक्षक डॉ. प्रदीप बेग को हटाने के निर्देश देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि, उनके लिए हर जान की कीमत एक समान है। चिकित्सा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही, उन्हें बर्दाश्त नहीं है। राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्था से नाराज मुख्यमंत्री ने आज समीक्षा बैठक में ही अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य रेणु जी. पिल्ले को अधीक्षक डॉ. प्रदीप बेक को वहां से हटाने के निर्देश दिए। साथ ही मेडिकल कॉलेज सहित राज्य के सभी चिकित्सालयों में अग्निशमन की व्यवस्था की जांच पड़ताल भी कराने कहा है।
@ News-36. अस्पताल में मच गई थी अफरा-तफरी
दरअसल में गुरुवार को मेडिकल कॉलेज की लाइट दिन में, 2-2 घंटे के अंतराल में दो बार बंद हुई। बिजली की आपूर्ति बाधित होने की वजह से दोनों ही बार कोविड सहित अन्य मरीजों को विपरीत परिस्थिति का सामना करना पड़ा। इससे ठीक दो दिन पहले खपरी(कुम्हारी) निवासी कोरोना पीडि़त का शव, गातापारा निवासी कोविड पीडि़त के परिजनों को सौंप देने का मामला सामने आया था। अपने पिता का अंतिम संस्कार नहीं कर पाने से नाराज खपरी निवासियों ने इसकी मुख्यमंत्री से शिकायत की थी।
@ News-36. 2 घंटे के अंतराल में दो बार बाधित हुई अस्पताल की बिजली
सूत्रों का कहना है कि गुरुवार को मेडिकल कॉलेज में पहली बार दोपहर 12 बजे के आसपास हास्पिटल की बिजली की आपूर्ति बंद हो गई थी। जो लगभग आधा घंटा बाद आई। तब तक जेनरेटर से बैकअप दिया गया, लेकिन जब शाम को 4 बजे फिर से अस्पताल की लाइट अचानक बंद हो गई। तब जेनरेटर से पूरे वार्डों को बैकअप आपूर्ति नहीं हो पाई। इससे अस्पताल में अफरा-तफरा की स्थिति मच गई थी।
@ News-36.रेफर मरीज को भर्ती ही नहीं लिया
चार दिन पहले 19 अप्रेल की रात को मेरेगांव कोविड केयर सेंटर में एक मरीज की हालत बिगडऩे पर मेडिकल कॉलेज रेफर किया था, लेकिन अधीक्षक ने मरीज को कहते हुए भर्ती लेने से इनकार कर दिया था कि मेडिकल कॉलेज में केवल शहरी इलाके के रहने वाले मरीज को भर्ती लिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के मरीज को यहां भर्ती नहीं किया जाएगा। इस मामले में दो विधानसभा क्षेत्र के विधायकों ने भी उनसे चर्चा करने का प्रयास किया, लेकिन वह भर्ती लेने को ही तैयार नहीं हुए। देर रात उस मरीज को दूसरे अस्पताल लेकर गए।
@ News-36. विभागीय इलेक्ट्रीशियन नहीं
भारत रत्न अटल बिहारी मेडिकल कॉलेज, राजनांदगांव को शुरू हुए लगभग 8 साल हो गए , लेकिन अब तक जिले के सबसे बड़े हास्पिटल और मेडिकल कॉलेज में विद्युत सप्लाई व्यवस्था की मानिटङ्क्षरंग करने के लिए विभागीय प्रशिक्षित अधिकारी और कर्मचारी की व्यवस्था नहीं हो पाया है। मेडिकल कॉलेज में रेगुलर इलेक्ट्रीशयन नहीं है। इसका नुकसान आए-दिन मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों को उठाना पड़ता है। कभी विद्युत आपूर्ति में तकनीकी फॉल्ट आने पर हवा-पानी (पंखा- मोटर पंप)बंद हो जाता है, तो कभी अचानक बिजली चले जाने पर ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित हो जाती है। मरीजों की सांस ठहर सी जाती है। लोक निर्माण के अधिकारी और सब स्टेशन में सेवा देने वाले विद्युत वितरण कंपनी के तकनीशियन दौड़ते भागते हुए मेडिकल कॉलेज पहुंचते हैं। फॉल्ट ढूंढकर व्यवस्था को सुचारू बनाते हैं। जिसकी जानकारी अधीक्षक को है, लेकिन उन्होंने मेन पॉवर बढ़ाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।