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सीमेंट उद्योग में एनर्जी के लिए कोयले के स्थान पर होगा गोबर का उपयोग

  • श्रीसीमेंट प्रतिदिन खरीदेगा 10 मीट्रिक टन गोबर
  • एडीशनल फ्यूल रिर्सोसेज के रूप में होगा गोबर का उपयोग

रायपुर.सीमेंट उद्योग में एनर्जी के लिए कोयले के स्थान पर गोबर का उपयोग होगा। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सिमगा विकासखण्ड में स्थापित श्री सीमेंट उद्योग गोबर खरीदेगी और उसका उपयोग ग्रीन एनर्जी के रूप में करेंगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में मंगलवार को विधानसभा परिसर स्थित कार्यालय कक्ष में श्रीसीमेंट उद्योग और जिला प्रशासन बलौदाबाजार-भाटापारा के बीच एमओयू हुआ।

 

सिमगा विकासखण्ड में स्थापित सीमेंट उद्योग कोयले की जगह ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए हर दिन 10 मीट्रिक टन गोबर खरीदेगा। एडीशनल फ्यूल रिर्सोसेज के रूप में गोबर का भट्टी को गरम करने में कोयले के साथ उपयोग किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, कलेक्टर बलौदाबाजार-भाटापारा रजत बंसल और सीमेंट के रवि तिवारी भी उपस्थित थे।

 

अधिकारियों ने बताया कि श्रीसीमेंट के सबसे समीप के गांव चण्डी में गोबर अन्य स्थानों से एकत्र कर कंपनियों को दिया जायेगा। गोबर की पूर्ति सीमेंट उद्योग के 15 किलोमीटर के परिधि वाले 16 गांव से प्रति दिवस 10 मीट्रिक टन गोबर प्रदाय किया जाएगा। कम्पनी को अब तक 38.8 मीट्रिक टन गोबर प्रदाय किया जा चुका है।

 

बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में 07 गौ-शालाएं हैं, जिसमें 1739 पशुओं को रखा गया इनमें 04 सिमगा विकासखण्ड में ही स्थित है जो 20-25 किलोमीटर की दूरी पर है। गौ-शालाओं से भी प्रति दिवस 6 मीट्रिक टन गोबर प्रदाय की संभावना है। जिले में उद्योेगों के समीपस्थ लगभग 95 गांव हैं, जिसमें पशुओं की संख्या लगभग 80 हजार है।

 

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन की गोबर खरीदी की गोधन न्याय योजना से प्रभावित होकर गोबर के उपयोग के नए-नए नवाचार सामने आ रहे हैं। गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, दिये और गमले बनाने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में अब प्राकृतिक पेंट और बिजली का उत्पादन भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के श्रीसीमेंट उद्योग ने एडीशनल फ्यूल रिर्सोसेज के रूप में गोबर का उपयोग करने का फैसला किया है।

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