भिलाई @ news-36.पेट्रोल ,डीजल ,रसोई गैस और खाद्य तेल की बेताहशा आसमान छूती बढती हुई किमतों को नजरंदाज कर बिजली के नाम मात्र की बढी हुई दर को लेकर भाजपा के द्वारा धरना प्रदर्शन करना यह दर्शाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह और प्रदेश भाजपा के पास मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रहते कोई मुद्दा ही नहीं मिल रहा है । अपनी राजनीतिक सक्रियता का जनता के समक्ष प्रस्तुतिकरण करने इसलिए यह सब स्वांग रचा जा रहा है।यह कहना है भिलाई शहर जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता जावेद खान का उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने 15 वर्ष के कार्यकाल मे हमेशा बिजली की दरे बढ़ाई थी और इस तरह का बिजली की दरो का स्लैब बनाया था।
जैसे 0 -40, 41-200,,201-600 जो की भारत मे क़ही नही था और प्रचार किया था सस्ती बिजली दे रहे हैं ।जबकि वास्तविकता यह थी कि किसी झोपड़ी मे भी 40 युनिट से कम बिजली का बिल नही आता है। भूपेश सरकार ने आते ही प्रदेश की जनता को सस्ती बिजली के रमन सरकार के छल कपट से बहार निकाल कर पारदर्शिता दिखाते हुए 400 युनिट तक घरेलू बिजली की दर को हाफ किया और बिजली के टैरिफ स्लैब को बदलते हुए 0-100,101-200,201-400,401-600किया।
जो कि वास्तव में जनता को राहत दिलाने वाला कदम साबित हो रहा है। इसके अलावा रमन सिंह द्वारा उद्योगों को सस्ती बिजली दिये जाने पर जो कटाक्ष किया जा रहा है । उसका जवाब बस इतना ही है कि वाईब्रेंट गुजरात की नकल कर क्रेडिबल छग का नारा दे कर नया रायपुर मे देश के उद्योगपतियों को बुला कर हजारो एम ओ यू साईन करवाना केवल चुनाव को देखते हुए जनता को गुमराह करने के लिए था, आज रमन सिंह बताए धरातल पर वह। उद्योग कंहा लगे है ? केवल एमओयू साइन करने से उद्योग नहीं लगते। उनको सुविधा भी प्रदान करना पड़ता है।
अपने ही विधानसभा क्षेत्र राजनांदगांव की जनता को 2013 के विधानसभा चुनाव में मेट्रो ट्रेन का सपना दिखाया और कुछ करोड़ का बजट भी एलाट कर दिया लेकिन 2018 तक मेट्रो की एक पटरी भी नही लगी यह सरासर क्षेत्र की जनता के साथ वादाखिलाफी है। ज़हां तक बिजली की नाम मात्र की बढ़ोत्तरी को लेकर धरना प्रदर्शन कि बात है तो महंगाई को लेकर प्रदर्शन करने का नैतिक आधार खो चुकी है। भाजपा,जनता समझ रही हैं की भाजपा का धरना विशुद्ध रूप से ढोंग और प्रपंच के अलावा कुछ भी नहीं है।