एचआईवी एक्ट पर कार्यशाला हुई आयोजित
दुर्ग.मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.पी. मेश्राम और जिला एडस् नियंत्रण नोडल डॉ अनिल शुक्ला के मार्ग दर्शन में सोमवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के सभागृह में एचआईवी एवं एड्स एक्ट 2017 अधिनियम विषय पर कार्यशाला हुई।
जहां जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनिल शुक्ला ने एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों के साथ भेदभाव को रोकने एवं एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों को उनके अधिकारों के बारे में बताया और लोकपाल के माध्यम से समस्याओं का निराकरण किस प्रकार किया जा सकता है।
एचआईवी एवं एड्स एक्ट 2017 अधिनियम एवं लोकपाल के माध्यम से किस प्रकार एचआईवी संक्रमित व्यक्ति अपनी शिकायत किस प्रकार संबंधित अधिकारी तक पहुंचा सकता है, और किस प्रकार कानून का लाभ उठा सकते है। इस विषय पर विस्तृत चर्चा की गई। कार्यशाला में प्रमुख रूप से सभी आईसीटीसी, एआरटी, एसटीआई एवं अहना कार्यक्रम लक्ष्यगत हस्तशिल्प कार्यक्रम लिंगवर्कर स्कीम कार्यक्रम के परामर्श दाता एवं अन्य स्टॉफ उपस्थित थे।
फाइलेरिया रोग के पीड़ितों को एमएमडीपी किट का वितरण किया
जिला कलेक्टर पुष्पेन्द्र मीणा के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे. पी. मेश्राम एवं जिला मलेरिया अधिकारी एवं जिला सर्वेलेंस अधिकारी डॉ. सी.बी.एस. बंजारे के मार्ग दर्शन में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत सोमवार को लाल बहादुर शास्त्री सिविल अस्पताल सुपेला में फाइलेरिया रोग से ग्रसित मरीजों को एमएमडीपी किट का वितरण किया गया। मरीजों को फाइलेरिया ग्रसित अंगों की सफाई रखने के प्रति भी जागरूक किया गया।

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सी.बी.एस. बजारे ने बताया कि ऐसे फाइलेरिया रोगी चिन्हित किए गए हैं। जिनके हाथ-पैर में सूजन आ गई है या फिर उनके फाइलेरिया ग्रसित अंगों से पानी का रिसाव होता है। इस स्थिति में प्रभावित अंगों की सफाई रखना बेहद जरूरी होती है। ऐसे मरीजों को किट दी जा रही है। फिट में प्रभावित अंगों की अच्छी तरह से साफ-सफाई को लेकर टब, मग, तौलिया, साबुन, एवं दवाईयाँ प्रदाय की गई।
फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ-सफाई रखने से इंफेक्शन का दर नहीं रहता है और सूजन में भी कमी रहती है। मरीजों को दवा भी दी जा रही है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सी.बी.एस. बंजारे ने बताया कि फाइलेरिया संक्रमितों मरीजों को किट का वितरण किया जा चुका है। क्यूलेक्स मच्छर फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता है। लेकिन संक्रमण के लक्षण पांच से 15 वर्ष में उभरकर सामने आते हैं।
इससे या तो व्यक्ति को हाथ
पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन वा जाती है। महिलाओं को स्तन के आकार में परिवर्तन हो सकता है। आज के कार्यक्रम में सभी मरीजों एवं उनके साथ आये हुए परिजनों को घर के आस-पास साफ सफाई की व्यवस्था करने एवं मच्छर के काटने से बचने हेतु जानकारी दी गई। इस कार्यक्रय में शहरी खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीयाम सिंह, बीईटीओ हितेन्द्र कोसले राजेन्द्र डाहरे पर्यवेक्षक ललित साव, सतविंदर सिंह, आर.सी मूर्ति, डी.पी. खरे, अनिल नागदेवे रोहित मांडले मीना यादव, मालती सोनी, लता साव, राधिका भारद्वाज एवं जिला मलेरिया कार्यालय से लक्की दुबे, कमल तिवारी, समरेश पटेरिया विवेक कापरे सभी ने उपस्थित रहकर जानकरी दी।
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