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रेमडेसिविर न तो आपके अस्पताल में बिताए जाने वाले दिनों को कम करता है न ही आपकी जि़ंदगी बचाता है, ऐसे कई सवालों के जवाब एम्स के निदेशक डॉ. गुलेरिया और वरिष्ठक चिकित्सकों विस्तार से दिए हैं, पढि़ए खबर

नई दिल्ली @ News-36.अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (नई दिल्ली) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, मेदांता के चेयरमैन और प्रबन्ध निदेशक डॉ. नरेश त्रेहान, एम्स में मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. नवनीत विग, महानिदेशक (स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. सुनील कुमार ने रविवार को प्रेस इनफॉरमेंशन ब्यूरो कार्यालय में कोविड-19 से संबंधित मीडिया के सवालों और लोगों की चिंताओं को लेकर बहुत ही सुंदर और स्पष्ट जवाब दिए हैं….
सवाल- ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी की वजह?
ऑक्सीजन और दवाओं की कमी के बारे बताते हुए डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, घरों में रेमडेसिविर जैसे टीकों और ऑक्सीजन की जमाखोरी से डर का माहौल पैदा हो रहा है और इसी जमाखोरी की वजह से इन दवाइयों की बाज़ार में कमी हो रही है। कोविड-19 एक हल्का-फु ल्का संक्रमण है, जिसमें 80-90 फीसद लोगों को केवल सर्दी, बुखार, गले में खराश और शरीर में दर्द जैसी परेशानी होगी। ऐसे संक्रमणों का उचित तरीके से घर पर उपचार करना ही पर्याप्त है, रेमडेसिविर तथा ऑक्सीजन की इसमें कोई आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा कि, गंभीर रूप से संक्रमित केवल 10-15फीसद मरीज को ही ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और प्लाज़्मा आदि की ज़रूरत पड़ती है, जबकि 5त्न से भी कम मरीज़ों को इस संक्रमण से इलाज के दौरान वेन्टिलेटर या आईसीयू की आवश्यकता होती है। डॉ ने स्पष्ट किया कि, रेमडेसिविर न तो आपके अस्पताल में बिताए जाने वाले दिनों को कम करता है न ही आपकी जि़ंदगी बचाता है। मॉडरेट और गंभीर मामलों में ये इंजेक्शन आपको अस्पताल में ज़्यादा दिन गुज़ारने से बचा सकता है, लेकिन हल्के-फुल्के लक्षण वाले मामलों में इस इंजेक्शन का उपयोग स्थिति को और ज़्यादा बिगड़ सकता है। रेमडेसिविर कोई जादू की छड़ी नहीं है। अस्पतालों में इसका उपयोग केवल मॉडरेट और गंभीर मामलों में किया जाता है।
सवाल-आक्सीजन कब देना जरूरी हो जाता है ?
गैर-ज़रूरतमंद मरीजों को ऑक्सीजन लगाए जाने के बारे में डॉ. गुलेरिया ने कहा कि, जिन लोगों का ऑक्सीजन लेवल 94 से ऊपर है, उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इस स्तर से ऊपर ऑक्सीजन लेवल होने से रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा नहीं बढ़ेगी। बल्कि दूसरी तरफ ऐसा करने से, ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी हो सकती है और गंभीर स्थिति वाले मरीज़ ऑक्सीजन से वंचित रह सकते हैं।
सवाल-जांच के तुरंत बाद क्या करें ?
आरटी-पीसीआर जांच के पॉजि़टिव आने के तुरंत बाद उठाए जाने वाले कदम के बारे में बताते हुए डॉ. नरेश त्रेहान ने कहा कि, ऐसी स्थिति में लोगों को सबसे पहले अपने स्थानीय अथवा पारिवारिक डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऐसे मामलों में पालन किए जाने वाले प्रोटोकॉल और होम आइसोलेशन में जाने वाले मरीज़ों को दी जाने वाली दवा की जानकारी सभी डॉक्टरों को है।
सवाल- प्राणायाम कितना लाभदायक?
डॉ. त्रेहान ने योग और प्राणायाम करने की सलाह भी दी, जो फेफड़ोंं के स्वास्थ्य की देखरेख में काफी सहायक है। उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति में प्रोनिंग करना भी काफी फायदेमंद है।
सवाल- डबल मॉस्किंग के सवाल पर ?
डॉ. त्रेहान ने डबल मास्किंग, डिस्टेंसिंग और हैंड हाइजिन के महत्व को दोहराते हुए कहा अधिक सुरक्षा की दृष्टि से मास्क को नाक और मुंह के चारों ओर वायु को पूरी तरह से रोकना चाहिए। उन्होंने लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहने की सलाह दी।
सवाल-ऑक्सीजन की डिमांड काफी बढऩे की वजह?
डॉ. त्रेहान ने कहा कि, वर्तमान संकट की वजह से मेडिकल ऑक्सीजन की मांग अचानक से काफी ज़्यादा बढ़ गई है और ऑक्सीजन निर्माताओं पर आपूर्ति बढ़ाने का दबाव आ गया है। हमारे उद्योगों के पास ऑक्सीजन की इस मांग को पूरा करने की क्षमता है, लेकिन बेहतर परिवहन व्यवस्था के अभाव में परिस्थितियां अभी काफी जटिल हैं। सरकार इस दिशा में सकारात्मक तरीके से काम कर रही है, और आगामी 5-7 दिन में परिस्थिति नियंत्रण में आ जाएगी।
सवाल- स्थिति से निपटने के लिए सरकार की क्या तैयारी थी?
डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि, पिछले साल जब कोविड आया था तब सरकार की कोई तैयारी नहीं थी, और अब सरकार इससे निपटने के लिए काफी हद तक तैयार है और जल्द ही सरकार कोविड के खिलाफ लड़ाई में काफी बेहतर स्थिति में होगी। जहाँ एक तरफ इस महामारी से पहले केवल एक प्रयोगशाला थी, वहीं दूसरी ओर अब 2500 से अधिक प्रयोगशालाएं देशभर में हैं। हमने प्रति दिन लाखों टेस्ट करने के लिए अपनी टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाया, ट्रैकिंग तथा कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और पीपीई किट के निर्माण की गति को तेज़ किया।
सवाल- वैक्सीनेशन संक्रमण रोकने में कितना कारगार है?
डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि, वैक्सीन के बहुत कम दुष्प्रभाव सामने आए हैं। वैक्सीन लगवाने के महत्व को दोहराते हुए वैक्सीन संक्रमण रोकने में बहुत ही कारगार है। सभी को वैक्सीन लगवाना चाहि

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