बेमेतरा @ news-36.छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित पढ़ाई तुंहर दुवार पोर्टल हमारे नायक के रूप में शिक्षकीय कार्य में कुछ अलग करने की जज्बा रखने वाले शिक्षकों को शामिल किया गया है। वे अपने क्रिएटिविटी के साथ बच्चों को ऑनलाइन क्लॉस ले रहे हैं। कुछ ऐसी ही अलग क्रिएटिविटी रखने वाली शिक्षिका हैं हिमकल्याणी सिन्हा, जो जिला बेमेतरा, विकास खंड साजा अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला सैगोना में पदस्थ है। जो न केवल औरों से अलग हैं, बल्कि विशेष भी। छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षा के क्षेत्र में उनके किये गए उल्लेखनीय कार्य को ध्यान में रखते हुए हमारे नायक के रूप में शामिल किया है।
इसलिए हैं औरों से अलग
शिक्षिका हिमकल्याणी सिन्हा बचपन से ही 70फीसद अस्थि बाधित है।दोनों पैरों से दिव्यांग हैं। बहुत ही कर्तव्यनिष्ठ और मेहनती शिक्षक हैं। उनकी नए- नए सहायक शिक्षक सामग्री बनाने और गतिविधि पूर्ण नवाचारी शिक्षण पध्दति से अध्यापन कराने में विशेष रुचि है। उन्होंने विषय संबंधित बहुत सारे सहायक शिक्षण सामग्री स्वयं के खर्च से बनाए हैं। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाई गई लॉक डाउन में उन्होंने घर पर रहकर तीन बिग बुक बनाए हैं, जिसमें हिन्दी, गणित, पर्यावरण, अंग्रेजी विषय समाहित हैं, जिसका उपयोग ये ऑनलाइन और मोहल्ला कक्षाओं में करती हैं, इसके सहयोग से बच्चें बहुत आसानी से किसी भी विषय वस्तु को समझ पाते हैं। लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई में हो रहे नुकसान को देखते हुए गांव के सरपंच, शाला प्रबंधन समिति के सदस्य और पालकों की सहमति लेकर उनके सहयोग से कोविड-19 के गाइडलाइंस का पालन करते हुए मोहल्ला क्लॉस चला रही हैं।
हर कदम प्रेरणास्पद…
हिमकल्याणी सिन्हा के परिवार में माता-पिताजी और दो छोटे भाई हैं। माता-पिता का मुख्य व्यवसाय कृषि हैं, इनके साथ ही इनकी गांव में एक छोटी सी सिलाई की दुकान भी हैं जब हम सब छोटे थे तो आर्थिक स्थिति कुछ ठीक नहीं थी, पिताजी एक ही कमाने वाले थे, बचपन से ही इनका जीवन संघर्षो से भरा रहा, क्योकि इन्होंने कभी अपने आप को चलते हुए नहीं देखा। फि र भी उनके माता पिता ने कभी हिम्मत नहीं हारी। हमेशा आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित किए और हर कदम पर बेटी का साथ दिया। जब स्कूल जाने की उम्र हुई तो स्कूल आने जाने की समस्या सामने आई, क्योकि तब उम्र कम होने के कारण ये ट्राई साइकिल भी नहीं चला पाती थी। उस समय इनके पिता जी प्रतिदिन स्कूल छोडऩे और लाने जाते थे, कक्षा 8वीं तक ऐसे ही चलता रहा, इनकी पढ़ाई बाधित न हो इस कारण इनके पिताजी कहि बाहर नही जाते थे, समय से स्कूल छोडऩा और लाना उनकी पहली जिम्मेदारी बन गई थी। धीरे धीरे दिन बीतते चली गयी और ये बड़ी कक्षा में चली गयी, लेकिन गाँव मे उस समय कक्षा 8वीं तक का ही स्कूल संचालित था, आगे की पढ़ाई के लिए दूसरे गाँव मे जाना था, ऐसे में पढ़ाई करना और पढ़ाई छोडऩा दोनों ही कठिन था, लेकिन इनके पिताजी हिम्मत नहीं हारे। उनके पिताजी के साथ रिश्तेदार ने इन्हें हौसला दिए। पढ़ाई पूरी कर शिक्षिका बनीं।
इन्होंने दी बधाई
हिमकल्याणी सिन्हा के हमारे नायक में चयन होने पर जितेंद्र शर्मा, पवन साहू, लोमन वर्मा, निराकार पांडे, विकेश यादव, आनंद ताम्रकार, नीलेश्वर राजपूत, शालिनी पंकज दुबे, ज्योति बनाफ र, स्मृति दुबे, नीलिमा कन्नौजे, रेखा रजक, प्रेमास्मृति कवर, पुष्पा साहू,, पोषण साहू, टिकेश्वरी देवांगन, धर्मेन्द्र देवांगन सहित अन्य ने बधाई दी है।