न्यूज डेस्क @ News-36.पूरा फोन ही जासूसों के गिर$फ्त में है, लेकिन हमें पता नहीं चलता। ऐसे कई साफ्टवेयर हैं जो कब फोन में पहुंच जाएगा और काल की गई जानकारी या वीडियो को टै्रक कर लेगा। लोगों को समझ हीं नहीं आता। इस्राइली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस को लेकर कुछ इसी तरह का खुलासा हुआ है। जो फोन में एक सामान्य व्हाट्सएप कॉल से भी जानकारी चुरा सकता है।
जासूसी सॉफ्टवेयर ऐसे चुराता है जानकारी
- यह यूजर के मैसेज पढ़ता है, फोन कॉल ट्रैक करता है, विभिन्न एप और उनमें उपयोग हुई जानकारी चुराता है।
- लोकेशन डाटा, वीडियो कैमरे का इस्तेमाल व फोन के साथ इस्तेमाल माइकोफ्रोन से आवाज रिकॉर्ड करता है।
- एंटीवायरस बनाने वाली कंपनी कैस्परस्की के अनुसार पेगासस एसएमएस, ब्राउजिंग हिस्ट्री, कांटैक्ट और ई-मेल तो देखता ही है फोन से स्क्रीनशॉट भी लेता है।
- इन जानकारियों को यह लीक कर जासूसी करता है। यह गलत फोन में इंस्टॉल हो जाए तो खुद को नष्ट करने की क्षमता भी रखता है।
- इसे स्मार्ट स्पाइवेयर भी कहा गया है, क्योंकि यह हालात के अनुसार जासूसी के लिए नए तरीके अपनाता है।
- वह जवाब दे या न दे, उसके फोन में यह पहुंच जाएगा। यह फोन में विभिन्न लॉग एंट्री डिलीट कर देता है, जिससे इसकी मौजूदगी का पता नहीं चलता।
2016 में पहली बार इस्तेमाल का हुआ था खुलासा
2016 में पहली बार अरब देशों में काम कर रहे कार्यकर्ताओं के आईफोन में इसका इस्तेमाल उजागर हुआ। बचाव के लिए एपल ने तत्काल आईओएस अपडेट कर सुरक्षा खामियां दूर कीं। एक साल बाद एंड्रॉयड में भी पेगासस से जासूसी के मामले सामने आने लगे। 2019 में फेसबुक के सुरक्षा विशेषज्ञों ने पेगासस को एक बड़ा खतरा बताते हुए केस दायर किया। इसी दौरान व्हाट्सएप ने भारत में कई कार्यकर्ता और पत्रकारों के फोने में इसके उपयोग का खुलासा किया था।
सुरक्षा वाले सॉफ्टवेयर काफी महंगा
इस्राइली कंपनी एनएसओ ने पेगासस को विकसित करने के बाद विभिन्न देशों की सरकारों को बेचना शुरू किया। 2013 में सालाना 4 करोड़ डॉलर कमाने वाली इस कंपनी की कमाई 2015 तक करीब चार गुना बढ़ 15.5 करोड़ डॉलर हो गई। सॉफ्टवेयर काफ ी महंगा माना जाता है, इसलिए सामान्य संगठन और संस्थान इसे खरीद नहीं पाते।