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Exclusive : आयुक्त ने कर्मचारी के सहमति के बिना कर दिया था रिसाली निगम में ट्रांसफर,आदेश पर हाईकोर्ट से स्टे

भिलाई @ news-36. कर्मचारी की सहमति के बिना दूसरे नगर पालिक निगम में स्थानांतरण पर हाईकोर्ट, बिलासपुर ने रोक लगा दी है। नगर पालिक निगम भिलाई में पदस्थ स्वच्छता निरीक्षक केके सिंह की सहमति के बिना नगर पालिक निगम भिलाई के आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने नगर पालिक निगम रिसाली में स्थानांतरण आदेश जारी कर दिया था। आयुक्त के इस आदेश के खिलाफ उन्होंने याचिका दायर कर न्यायालय का शरण लिया। जिस पर न्यायालय ने याचिकाकर्ता की मांग पर स्टे आदेश जारी किया है।

बता दें कि नगर पालिक निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने 18 जुलाई को नगर पालिक निगम भिलाई में पदस्थ 23 कर्मचारियों का नगर पालिक निगम रिसाली के लिए स्थानांतरण आदेश जारी किया था। जिसमें कर्मचारियों को भिलाई से अलग होकर बने नगर पालिक निगम रिसाली में ज्वाइन करने कहा गया था।आयुक्त के आदेशानुसार 23 में से 21 कर्मचारी, जिन्होंने नगर पालिक निगम रिसाली में जाने के लिए सहमति दी थी। उन सभी ने ज्वाइन कर लिया है। बाकी दो कर्मचारी स्वच्छता निरीक्षक केके सिंह और प्यून भागवत प्रसाद ने ज्वाइन नहीं किया।

न्यायालय का शरण लिया

स्वच्छता निरीक्षक केके सिंह ने वकील के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर किया। जिसमें यह कहा गया है कि, नगर पालिक निगम प्रशासन भिलाई ने उनसे पालिक निगम रिसाली में स्थानांतरण के संबंध में सहमति नहीं लिया है और न ही वे नगर पालिक निगम भिलाई को छोड़कर जाना चाहते हैं। उन्होंने याचिका में यह भी कहा कि वह स्वास्थ्यगत परेशानी से जूझ रहा है। इसके बावजूद उनकी सहमति के बिना नगर पालिक निगम रिसाली में स्थानातंरण आदेश जारी कर दिया गया। जो कि न्याया संगत नहीं है।

12 अगस्त को आदेश जारी

12 अगस्त को प्रकरण की सुनवाई में न्यायाधीश पी सैम कोशी ने निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी के उस स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाने का ऑर्डर जारी किया है। बता दें कि सितंबर 2020 में नगर पालिक निगम भिलाई को विभाजित कर नगर पालिक निगम रिसाली का गठन किया। तब निगम प्रशासन ने रिसाली निगम में पदस्थापना की इच्छा रखने वाले अधिकारी कर्मचारियों की सहमति मांगी गई थी। जिसमें कई अधिकारी कर्मचारियों ने सहमति भी दिया था, लेकिन भिलाई निगम के स्वास्थ्य और स्थापना विभाग में बैठे अधिकारियों ने उनका स्थानांतरण करने के बजाय इस तरह का खेल कर बेवजह परेशान किया जा रहा है।

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