भिलाई@news-36. भले ही नगर पालिक निगम प्रशासन ने आपत्ति के बाद सफाई ठेका के निविदा प्रस्ताव से कंडिका क्रमांक-21 को विलोपित कर दिया है, ले किन लोगाें के बीच चल रही चर्चा बंद नहीं हुई है। लोग निगम प्रशासन के सफाई व्यवस्था के ठेका प्रस्ताव की शर्तों को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं, तो कोई अपनों को उपकृत करने के लिए इस तरह की नियम शर्तें तय करने का आरोप लगा रहे हैं।
सिदिद्की ने की थी आपत्ति
जिला कांग्रेस कमेटी आरटीआई प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष अली हुसैन सिद्दिकी का कहना है कि शहर की सफाई व्यवस्था काे जोनवार ठेका में देने के लिए निगम प्रशासन ने सड़क नाली की सफाई और घरों से कचरा एकत्र करने के लिए कुल सात प्रस्ताव तैयार किया है। 36 नियम शर्तों के साथ 25 अगस्त तक अलग -अलग निविदा आमंत्रित की गई है। जिनमें से कंडिका क्रमांक 21 को पढ़ने से ऐसा लग रहा था कि कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने की नीयत से नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने यह शर्त जोड़ा गया है ताकि निविदा की प्रक्रिया में चुनिंदा/चहते फर्म ही शामिल हो सके। इसकी उन्होंने प्रशासक व कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे से शिकायत की थी। कंडिका क्रमांक 21और 27 को विलोपित करने की मांग की थी। जिस पर निगम प्रशासन ने कंडिका 21 को 18 अगस्त काे विलोपित कर दिया है।

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निविदा के दो शर्तों पर थी आपत्ति
शर्त क्रमांक 21:
निविदा के संपूर्ण भाग या किसी भाग को स्वीकार करने या अस्वीकार करने का अधिकार नगर निगम आयुक्त को होगा। यह पढ़ा जावे । निविदा शर्त के विरुद्ध किसी भी प्रकार की वैद्यानिक कार्यवाही नहीं की जा सकेंगी तथा कोई भी आपत्ति मान्य नहीं होगी।
यानी कि यह शर्त, निविदा की प्रक्रिया में शामिल होने वाले फर्म के संवैधानिक अधिकार के विरूद्ध था। जिसे आपत्ति के बाद विलोपित कर दिया गया है।

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शर्त क्रमांक 27 :
निविदा में भाग लेने वाले फर्म का वित्तीय वर्ष 2020 -2021 में वार्षिक टर्न ओवर तीन करोड़ अनिवार्य है। जो एक तरह से निविदा में प्रतिस्पर्धा को कम करने की कुत्सित भावना की ओर इशारा करती है। इस वजह से कंडिका 27 को भी विलोपित करने की मांग की गई थी। निगम प्रशासन ने बड़े फर्म के लिए जरूरी बताते हुए यथावत रखने का निर्णय लिया है।
बाकी के 34 शर्तों का पालन करवा दें, तो शहर हो जाएंगी चकाचक
बाकी के 34 शर्तें स्वच्छ भिलाई, सुंदर भिलाई की परिकल्पना के अनुसार ही है। यदि इन शर्तों को पालन कराने में निगम प्रशासन सफल रहा तो शहर के हर गली मोहल्ले की सड़क, नाली, चौक -चौराहा साफ सुथरा नजर आएंगी, लेकिन अब तक ऐसा हुआ नहीं है। संकरी नालियों की सप्ताह मेें दो बार सफाई का प्रावधान है, लेकिन 25-26 दिन बाद नालियों की सफाई होती है। उसमें भी कचरा निकाल देते हैं। मलबा पानी के नीचे जमा रहता है। तालाबों की तो सालभर में दो से तीन बार ही सफाई होती है। जबकि शर्त के अनुसार ठेकेदार को सात दिन के अंतराल में सफाई करवाना है।