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12 परिवारों का हुक्का पानी चार महीने बाद हुआ बहाल, डॉ मिश्र ने सुलझाया मामला …… ग्रामीणों ने चक्रधारी परिवार से मांगे थे 50 हजार नगद ,100 मुर्गा, बकरा और भेड़ भी

रायपुर @ चार महीने से सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे चक्रधारी परिवार को बड़ी राहत मिली है। सामाजिक बहिष्कार का मामला सुलझ गया है।अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र के प्रयास से यह मामला सुलझाहै। उन्होंने शासन से ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए सक्षम कानून बनाने की मांग की है।

चार महीना पहले का विवाद

डॉ मिश्र ने बताया कि चार महीना पहले भानुप्रतापपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम बांसला के 12 परिवारों काे समाज ने बहिष्कृत कर दिया था और उनका हुक्का पानी (रोजगार) बंद कर दिया गया था। पीड़ित परिवार ने इस मामले की शासन प्रशासन से लिखित शिकायत कर न्याय दिलाने की मांग की गई थी। इसके बाद पिछले माह पीड़ित परिवार ने उनसे संपर्क किया। तब पता चला कि बांसला में 12 परि्वार के करीब 100 सदस्य सामाजिक बहिष्कार का पीड़ा झेल रहे हैं। ग्रामीणों ने उनका हुक्का पानी बंद कर अनेक पाबंदियां लगा दी गई हैं। इस वजह से गांव का कोई भी व्यक्ति उनसे बात भी नहीं करता है। उन्हें रोजी मजदूरी से भी वंचित कर दिया गया है।

50 हजार जुर्माना और 100 मुर्गा

पीड़ित परिवार के सदस्यों से बातचीत करने पर पता चला कि धार्मिक कार्यक्रम को लेकर उनका बहिष्कार किया गया है और वापसी के लिए उनसे 50 हजार रुपये जुर्माना भी मांगा गया है। साथ ही उनसे दंड स्वरूप बलि के लिए 100 मुर्गा ,बकरा, भेड़ और सुअर की मांग की गई है। पीड़ित परिवार आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से जुर्माना की राशि देने से मना कर दिया। इस वजह से उनका बहिष्कार कर दिया था।

चर्चा कर सुलझाया मामला

डॉ मिश्रा ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद दोनों पक्षों से चर्चा शुरू किया। चर्चा के दौरान इस बात पर जोर दिया कि किसी भी व्यक्ति अथवा परिवार का सामाजिक बहिष्कार अनुचित है।बहिष्कार, मानवधिकार का हनन है। देश का संविधान हर व्यक्ति को समानता का अधिकार देता है। इस तरह के चर्चा के बाद ग्रामीण तैयार हुए। 12 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार समाप्त करने में सफल हुए। अब चक्रधारी परिवार के 40 सदस्य काम पर जा रहे हैं। कोई रोक टोक नहीं कर रहे हैं। अभी वह उन परिवार के सदस्यों के संपर्क में है।


इस परिवार का बंद कर दिया था हुक्का पानी

भानुप्रतापपुर से महज पांच किलोमीटर दूर बांसला गांव में रहने वाले सन्तू राम चक्रधारी, बाजारू राम,गिरवर राम ,रमेश,रामेश्वर, हारून,घनश्याम, शारदा प्रसाद,परमेश्वर सूरज, संजय चक्रधारी के परिवार के 100 सदस्यों को बहिष्कृत कर दिया था। जिसमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल है।

कानून बनाना चाहिए
डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा सामाजिक बहिष्कार करना, हुक्का पानी बन्द करना । एक सामाजिक अपराध है। यह किसी भी व्यक्ति के संवैधानिक एवम मानवाधिकारों का हनन है। प्रदेश सरकार को सामाजिक बहिष्कार के सम्बंध में एक सक्षम कानून बनाना चाहिए। ताकि किसी भी निर्दोष को ऐसी प्रताड़ना से गुजरना न पड़े।

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