
रायपुर.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में रविवार को राष्ट्रपति भवन में नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई। जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ का मुद्दा उठाया। मुख्यमंत्री बघेल महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना को महत्वपूर्ण बताते हुए इसे शहरी क्षेत्र में भी लागू करने की मांग उठाई।
मुख्यमंत्री का कहना था कि शहरों के निकट स्थित ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत काम को मंजूरी दी जानी चाहिए। 20 हजार से कम आबादी के शहरों में मनरेगा लागू की जाए। इससे इन क्षेत्रों के कामगारों को निश्चित आय की गारंटी मिल पाएगी।

बैठक में प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना का जिक्र भी किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री ने विशेषकर गोधन न्याय योजना का जिक्र करते हुए कहा कि, गोबर से तैयार हो रहे वर्मी कम्पोस्ट खेतों की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक है। कहा यह किसानों के हित में अच्छी योजना है।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्षों में नीति आयोग ने प्रदेश के आकांक्षी जिलों के बेहतर प्रदर्शन की सराहना की है। लेकिन राज्य में संसाधनों की समस्याएं अभी भी हैं, जिनका समाधान होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ अनाज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर है। फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना लागू करने के साथ ही छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन गठित किया गया है। श्री बघेल ने सुझाव दिया कि फसल विविधीकरण एवं दलहल, तिलहन का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए नवीन विकसित फसल क़िस्मों के नि:शुल्क बीज मिनी किट एवं ब्रीडर सीड बड़े पैमाने पर कृषि अनुसंधान संस्थानों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के संबंध में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट अँग्रेजी माध्यम स्कूल की स्थापना सहित अच्छी गुणवत्ता की अधोसंरचना, उपकरण, शैक्षिक तथा पाठ्यसहगामी गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है।
तीन साल बाद दर में संशोधन का प्रावधान
बैठक में उन्होंने कोयला सहित मुख्य खनिजों की रॉयल्टी दर में संशोधन का आग्रह किया। मुख्यमंत्री बघेल का कहना था, कानून के मुताबिक खनिजों की रायल्टी दर में प्रत्येक तीन साल बाद संशोधन होना है।आखिरी बार 2014 में यह संशोधन हुआ था। 2017 में यह संशोधन हो जाना था, लेकिन अब तक नहीं हुआ। इसकी वजह से छत्तीसगढ़ को राजस्व का नुकसान हो रहा है। मुख्यमंत्री कई बार इसके लिए पत्राचार भी कर चुके हैं।
जमा राशि वापसी की मांग
छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के हित में नवीन पेंशन योजना में जमा राशि की वापसी की मांग की। उनका कहना था, नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों और राज्य सरकार के अंशदान का 17 हजार 240 करोड़ रुपया NSDL के पास जमा है। उनकी सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है। उसके लिए उन्हें वह जमा राशि चाहिए।
जीएसटी क्षतिपूर्ति का मुद्दा उठाया और कहा जीएसटी कर प्रणाली से राज्यों को राजस्व की हानि हुई है। खासकर छत्तीसगढ़ जैसे उत्पादक राज्य इससे घाटे में हैं। सरकार ने अब तक नुकसान की भरपाई की व्यवस्था की थी, लेकिन जून 2022 के बाद से वह भी खत्म हो गई। मुख्यमंत्री ने राज्यों के हित के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान जून 2022 के बाद भी आगामी 05 वर्षों के लिए जारी रखने का अनुरोध किया।

नक्सल उन्मूलन के लिए व्यय प्रतिपूर्ति की मांग
बैठक में मुख्यमंत्री ने नक्सल उन्मूलन के लिए तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर किये 12 हजार करोड़ के व्यय की प्रतिपूर्ति की मांग की। मुख्यमंत्री ने कहा राज्यों के संसाधनों पर दबाव बढ़ा है। केंद्रीय कर में राज्यों का हिस्सा बढ़ाया जाए।
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