
दिल्ली. पीएम मोदी सुबह सात बजे नए संसद भवन पहुंच गए हैं। पूजा, हवन का कार्यक्रम चल रहा है। इसके बाद सर्वधर्म प्रार्थना सभा होगी। फिर नए भवन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। उसके बाद पीएम को औपचारिक रूप से सेंगोल सौंपा जाएगा, जिसे वह धार्मिक अनुष्ठान के बाद स्थापित करेंगे। साथ ही, नए संसद भवन बनाने वाले श्रमजीवियों के साथ संवाद और सम्मान करेंगे।
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के विभिन्न मठों के अधिनम नए संसद भवन पहुंच चुके हैं। तमिलनाडु के वेल्लकुरुचि अधिनम के 18वें पुजारी पुजारी हरिहर देसिगा स्वामीगल ने कहा कि भारत के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आज नए संसद भवन का उद्घाटन किया जाएगा। स्पीकर की कुर्सी के पास ‘सेंगोल’ लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कल सभी अधिनामों को सम्मानित किया।
अधीनम के पुजारी ने पीएम को सौंपा राजदंड
उद्घाटन से एक दिन पहले मदुरै अधीनम से आए प्रधान पुजारी हरिहर देसिगा स्वामीगल ने प्रधानमंत्री मोदी को राजदंड सेंगोल सौंपा। पीएम ने शनिवार को ट्वीट किया, नया संसद भवन भारत के विकास पथ को लगातार मजबूत करे और लाखों लोगों को सशक्त बनाए। उन्होंने नए भवन को लोकतंत्र का मंदिर बताया।
दिल्ली में चल रहे प्रदर्शनों को देखते हुए, दिल्ली की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं। सीमा में बल तैनात किए गए हैं। बता दें कि नए भवन में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। नई संसद को लेकर देश में राजनीति जोरों पर है। लगभग पूरे विपक्ष ने नई संसद के उद्घाटन के मौके से किनारा कर लिया है। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि आज देश के लिए गौरव का विषय है कि विश्व के सबसे पुरानी और सबसे बड़ी लोकशाही के जनप्रतिनिधियों के लिए आजादी के बाद देश में स्वयं निर्मित संसद लोकार्पित हो रही है।
विपक्ष ने किया विरोध
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उद्घाटन कराने की मांग पर अड़े कांग्रेस समेत 21 विपक्षी दलों के बहिष्कार के बीच 26 राजनीतिक पार्टियां ऐतिहासिक मौके की गवाह बनेंगी। इसके लिए लुटियन दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था अत्यधिक सख्त कर दी गई है।
नए भवन में 1280 सदस्य बैठ सकते हैं
नए भवन में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। संयुक्त बैठक की स्थिति में लोकसभा कक्ष में ही 1,280 सदस्य बैठ सकते हैं। भवन में तीन मुख्य द्वार हैं। इनके नाम ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार हैं। वीआईपी, सांसदों और आगंतुकों के लिए प्रवेश के अलग-अलग द्वार हैं। इसमें एक बड़ा और आलीशान कांस्टीट्यूशन हाॅल है जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित किया गया है।