Homeनिकायइनडोर स्टेडियम के ठेकेदार पर मेहरबान निगम प्रशासन,सब इंजीनियर निलंबित

इनडोर स्टेडियम के ठेकेदार पर मेहरबान निगम प्रशासन,सब इंजीनियर निलंबित

  • मेसर्स किरण कंस्ट्रकशन का ठेका निरस्त
  • आयुक्त ने अमानत राशि राजसात करने के दिए निर्देश

भिलाई. नगर पालिक निगम प्रशासन ने वार्ड 66 सेक्टर 7 में निर्माणाधीन इनडोर स्टेडियम के ठेकेदार पर मेहरबान होते दिख रही है। निगम प्रशासन ने बारिश में दीवार ढह जाने के मामले में कार्रवाई तो की है, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। क्योंकि कमेटी की जांच के नाम पर प्रतिवेदन में केवल खानापूर्ति दिख रही है।

चार सदस्यीय जांच कमेटी ने प्रतिवेदन निगम आयुक्त रोहित व्यास को सौंप दिया है। जिसमें पूरा स्पष्ट नहीं है। शायद यही वजह है कि निगम आयुक्त रोहित व्यास ने उनके खिलाफ ठोस एक्शन नहीं लिया। ठेका अनुबंध को निरस्त कर अमानत राशि को राजसात करने के आदेश दिए हैं। जबकि ठेकेदार को लोक निर्माण विभाग के एसओपी (स्टैडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) के बारे में जानकारी है। इसके बावजूद उन्होंने निर्माण में लो क्वालिटी के मटेरियल का इस्तेमाल किया है। इस हिसाब से घटिया निर्माण के लिए निगम प्रशासन को ठेका निरस्त करने के साथ-साथ एजेंसी को ब्लैक लिस्ट कर निगम के कार्यों में कम से कम एक साल के लिए निविदा की प्रक्रिया में शामिल होने से रोक लगाना चाहिए था, लेकिन आयुक्त के हस्ताक्षर से जो आदेश जारी हुआ है। उसमें ऐसा कुछ नहीं है। आदेश में ठेका निरस्त करने के आदेश दिए और अमानत राशि को राजसात कहा गया है।

पर्यवेक्षण में लापरवाही के लिए सब इंजीनियर दोषी

जांच कमेटी ने वार्ड 66 सेक्टर 7 में निर्माणाधीन इनडोर बैडमिंटन कोर्ट की 40 फीट ऊंची दीवार ढहने के मामले में सब इंजीनियर श्वेता माहेश्वर को दोषी माना है। चार सदस्यीय कमेटी के जांच प्रतिवेदन के अनुसार सब इंजीनियर श्वेता माहेश्वर ने निर्माण कार्य के पर्यवेक्षण में लापरवाही बरती है। इसी रिपोर्ट के आधार पर निगम आयुक्त रोहित व्यास ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। निलंबन अवधि में उन्हें जोन 2 वैशाली नगर में अटैच किया गया है।

बड़ा सवाल- क्या कमेटी की जांच है बाकी ?

इस मामले में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय जांच कमेटी की जांच बाकी है?, क्या कमेटी ने अब तक पूरे मामले की नहीं कर पाई है ?, क्या अब भी इस मामले में जांच बाकी है ? क्याेकि निगम आयुक्त के हस्ताक्षर से जारी आदेश में यह कहा गया है कि गठित जांच समिति द्वारा दी गई प्रतिवेदन में दृष्टया काँट्रेक्टर को जिम्मेदार माना है। “प्रथम दृष्टया” को सरल शब्दों में कहें तो”पहली बार देखने पर होता है। प्रथम दृष्टया लैटिन शब्द है। अर्थात कमेटी ने पहली बार देखने के बाद निर्माण की स्थिति का अनुमान लगाया है। यानी जांच कमेटी के मुताबिक अभी तकनीकी रूप से जांच नहीं हुई है। शायद यही वजह है कि निगम प्रशासन ने ठेका निरस्त किया है। तकनीकी रिपोर्ट मिलने के बाद एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करें।

भुगतान के लिए बिल भी हो गया था प्रस्तुत

जानकारी के अनुसार करीब 38 लाख की लागत से प्रस्तावित इनडोर बैडमिंटन कोर्ट के प्रथम बिल भुगतान के लिए फाइल आगे बढ़ा दी गई थी, लेकिन इसी बीच दीवार ढह गई। इस वजह से फाइल को रोक दिया गया। बताया जा रहा है फाइल बिल भुगतान के लिए एई के दफ्तर से ईई कार्यालय तक पहुंच गई थी, लेकिन इसी बीच घटना हो गई। इसलिए फाइल को रोक दिया गया।

बारिश और हवा के झोंके से गिर गई थी 40 फीट ऊंची दीवार 

बता दें कि 18 मार्च 2023 को हुई बारिश एवं हवा में  सेक्टर 7 में निर्माणाधीन इनडोर बैडमिंटन कोर्ट की 40 ऊंची दीवार ढह गई थी। इस मामले में आयुक्त ने चार सदस्यीय समिति गठित की है। समिति ने 20 मार्च को मौका मुआयना किया और अपना जांच प्रतिवेदन आयुक्त को सौंपा। जिसके मुताबिक आयुक्त ने सब इंजीनियर श्वेता माहेश्वर को निर्माण कार्य के पर्यवेक्षण में लापरवाही बरतने के लिए दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उन्हें जोन 2 वैशाली नगर में अटैच किया गया है। ठेकेदार मेसर्स किरण कंस्ट्रक्शन का ठेका निरस्त किया गया है और अमानत राशि को राजसात कर लिया है।

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