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नॉलेज बुलेट्स-7 : छत्तीसगढ़ में भाषा और बोलियां

भिलाई. प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों को ध्यान में रखते हुए नॉलेज बुलेट्स -7वीं कड़ी में छत्तीसगढ़ की भाषा और बोलियों से संबंधित प्रमुख जानकारी को संक्षिप्त रूप में लिपिबद्ध किया है। छत्तीसगढ़ की मुख्य भाषा हिन्दी है। इसके अलावा संस्कृत, अंग्रेजी और उर्दू प्रचलन में है। उम्मीद है कि यह जानकारी आगामी परीक्षाओं में निश्चित ही लाभकारी सिद्ध होगा।

  • छत्तीसगढ़ में १६२ बोलियां, बोली जाती है।
  • सर्वाधिक छत्तीसगढ़ी सबसे अधिक बोली है। इसके अलावा गोंड़ी, हल्बी और कुरुख भी बोली जाती है।
  • छत्तीसगढ़ी भाषा को प्राचीन काल मेें कोसली कहा जाता था।
  • हल्बी सर्वाधिक बोले जाने वाली जनजातीय बोली है।
  • हीरालाल काव्योपाध्याय ने 1885 में छत्तीसगढ़ी व्याकरण की रचना की है। इन्हें छत्तीसगढ़ के पाणिनी कहा जाता है।
  • जार्ज ए ग्रिएर्शन ने 1900 में एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल में शोध प्रकाशित किया था।
  • बिलासपुर के डॉ. शंकर शेष ने 1973 में छत्तीसगढ़ी भाजपा का शास्त्रीय अध्यन किया।
  • रायपुर के डॉ नरेन्द्र देव वर्मा ने 1979 में छत्तीसगढ़ी भाषा का उद्विकास किया।

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