नई दिल्ली. ब्लैक फंगस (म्यूकोर्मिकोसिस) के खतरा ने लोगों के साथ चिकित्सकों को भी परेशान कर दिया है। ब्लैक फंगस को लेकर अब लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। कुछ इसी तरह के सवालों के जवाब विशेषज्ञ व नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने दिए हैं। प्रस्तुत है अंश…
सवाल-म्यूकोर्मिकोसिस कैसे होता है?
जवाब- म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फं गस, फं गल संक्रमण से पैदा होने वाली जटिल बीमारी है। लोग वातावरण में मौजूद फ ंगस के बीजाणुओं के संपर्क में आने से म्यूकोर्मिकोसिस की चपेट में आते हैं। शरीर पर किसी तरह की चोट, जलने, कटने आदि के जरिए यह त्वचा में प्रवेश करता है और त्वचा में विकसित हो सकता है।
सवाल-संक्रमण का खतरा किसे सबसे ज्यादा है?
जवाब- कोविड-19 से उबर चुके हैं या ठीक हो रहे मरीजों में इस बीमारी के होने का पता चल रहा है। इसके अलावा, जिसे भी मधुमेह है और जिसकी प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक से काम नहीं कर रही है। उसे इसे लेकर सावधान रहने की जरूरत है।
इसके अलावा, आईसीयू में ह्यूमिडिफ ायर का उपयोग किया जाता है। वहां ऑक्सीजन थेरेपी ले रहे कोविड मरीजों को नमी के संपर्क में आने के कारण फं गल संक्रमण का खतरा होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हर कोविड मरीज म्यूकोर्मिकोसिस से संक्रमित हो जाएगा। जिन मरीजों को मधुमेह नहीं है, उन्हें यह बीमारी होना असामान्य है। लेकिन अगर तुरंत इलाज न किया जाए तो यह घातक हो सकता है। ठीक होने की संभावना बीमारी के जल्दी पता चलने और उपचार पर निर्भर करती है।
सवाल-इसका कोविड-19 से क्या संबंध है?
जवाब-यह बीमारी म्यूकोर्मिसेट्स नामक सूक्ष्म जीवों के एक समूह के कारण होती है, जो पर्यावरण में प्राकृतिक रूप से मौजूद होते हैं, और ज्यादातर मिट्टी में तथा पत्तियों, खाद एवं ढेरों जैसे कार्बनिक पदार्थों के क्षय में पाए जाते हैं।
सवाल- सामान्य लक्षण क्या हैं?
जवाब- नाक पर कालापन या रंग मलिन पडऩा, धुंधली या दोहरी दृष्टि, सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई और खून की खांसी होती है। माथे, नाक, गाल की हड्डियों के पीछे और आंखों एवं दांतों के बीच स्थित एयर पॉकेट में त्वचा के संक्रमण के रूप में म्यूकोर्मिकोसिस दिखने लगता है। यह फि र आंखों, फेफ ड़ों में फैल जाता है और मस्तिष्क तक भी फैल सकता है।
सवाल- इसका इलाज कैसे किया जाता है?
जवाब– जहां संक्रमण सिर्फ एक त्वचा संक्रमण से शुरू हो सकता है, यह शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है। उसके उपचार में सभी मृत और संक्रमित ऊतक को हटाने के लिए की जाने वाली सर्जरी शामिल है। कुछ रोगियों में, इससे ऊपरी जबड़े या कभी-कभी आंख की भी हानि हो सकती है। इलाज में अंत:शिरा एंटी-फं गल थेरेपी का चार से छह सप्ताह का कोर्स भी शामिल हो सकता है। चूंकि यह शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करता है, इसलिए इलाज करने के लिए सूक्ष्म जीवविज्ञानी, आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञों, न्यूरोलॉजिस्ट, ईएनटी विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, दंत चिकित्सक, सर्जन और अन्य की एक टीम की आवश्यकता होती है।
सवाल- म्यूकोर्मिकोसिस को कैसे रोकें?
जवाब- मधुमेह को नियंत्रित करना आईसीएमआर द्वारा सुझाए गए सबसे महत्वपूर्ण तरीकों में से एक है। इसलिए, मधुमेह से पीडि़त कोविड-19 रोगियों को अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अपने आप दवा लेना एवं स्टेरॉयड की अधिक खुराक लेना घातक हो सकता है और इसलिए डॉक्टर की सलाह का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।
सवाल- कोविड से उबरने के बाद क्या-क्या सावधानी बनाए रखें ?
जवाब– कोविड-19 से उबरने के बाद, लोगों को गहराई से निगरानी करनी चाहिए और ऊपर उल्लिखित किसी भी चेतावनी संकेत एवं लक्षण को याद रखना चाहिए, क्योंकि फ गल संक्रमण कोविड-19 से उबरने के कई हफ्तों या महीनों के बाद भी उभर सकता है। संक्रमण के खतरे से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही स्टेरॉयड का उपयोग करना चाहिए।
देखें वीडियो : https://youtu.be/jjK4Xk61W-k