भिलाई @ news-36.सरकारी शराब दुकान के हिसाब में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। सरकारी दुकानों से शराब की बिक्री से प्राप्त करीब 32 लाख रुपए अब शासन के बैंक में जमा ही नहीं हुआ है। अब इस मामले में पुलिस ने शराब दुकानों से राशि कलेक्शन कर बैंक में जमा करने वाले एजेंसी के एक कर्मचारी के खिलाफ भारतीय दंड की संहिता की धारा 407, 408 और 409 के तहत अपराध दर्ज कर जांच में लिया है।
मामला खैरागढ़ थाना क्षेत्र का
मामला राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ थाना का है। खैरागढ़ पुलिस ने एसएमएस एजेंसी के कर्मचारी व आरोपी अखिलेश सोनी को गिरफ्तार कर आज न्यायालय में पेश किया। जहां से आरोपी को जेल दिया गया। जानकारी के अनुसार आरोपी सरकारी रकम को ब्याज में देकर कमाई कर करता था। जब मामला सामने आया तो एजेंसी ने आरोपी अखिलेश को रकम बैंक में जमा करने के लिए कहा। तब अखिलेश ने सामने वाले से रकम मांगा, लेकिन सामने वाले ने हाथ खड़े कर दिया। इसके बाद ही एसएमएस एजेंसी के एरिया मैनेजर भूपेन्द्र समंस ने अखिलेश के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
ऐसे हुआ खुलासा
शराब दुकान पैसे को सीएमएस कंपनी के कर्मचारी रोटेशन में बैंक में जमा करता था। शराब दुकानों से रोजाना लाखों रुपए कलेक्शन होता था। यह रकम रोटेशन में बैंक में जमा होने की वजह से पहले पता नहीं चलता था। लॉक डाउन हुआ। इसके बाद जब बैलेंस शीट की मिलान किया गया तो पता चला कि लगभग दो माह का 32 लाख रुपए बैंक जमा में नहीं हुआ। जिसका हिसाब नहीं मिलने पर कंपनी ने अपने कर्मचारियों से पूछताछ किया तो अखिलेश सोनी का नाम सामने आया। अखिलेश से कंपनी ने पैसा जमा करने के लिए कहा तब उसने रकम को किसी अन्य को ब्याज में चलाने के लिए देने की जानकारी दी।
कंपनी से कलेक्शन करने के लिए है अनुबंध
एसएमएस एजेंसी से शराब दुकानों में बिक्री का राशि को कलेक्ट करके बैंक में जमा करने का एमओयू है। अनुबंध के तहत दुकानों से राशि को एकत्र कर बैंक में जमा करना होता है, लेकिन आरोपी ने पैसा जमा नहीं किया है। एजेंसी के एरिया मैनेजर की शिकायत पर आरोपी अखिलेश के खिलाफ दर्ज कर गिरफ्तार किया।
नासिर बाठी, थाना प्रभारी, खैरागढ़