
भिलाई.माताओं ने बुधवार को संतान की दीर्घायु की कामना के साथ हलष्ठठी का व्रत रखा। सुपेला शीतला तालाब, मंगल बाजार कोहका, जुनवानी रोड समेत अन्य जगहों पर देवी हलष्ष्ठी की पूजा अर्चना कर कथा सुनी। देवी को पसहर चावल और भैंस के दूध से बने भोग चढ़ाकर संतान की दीर्घायु का आशीर्वाद मांगा।
शीतला तालाब सुपेला में हलषष्ठी पूजा में भिलाई शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर,एम आई सी सदस्य केशव चौबे ,जिला सचिव राजकुमार चौधरी, छाया पार्षद विनोद यादव, ब्लॉक उपाध्यक्ष बंटू शर्मा, भरत टंडन,सीमा चौबे ,गायत्री देशमुख ,सोनल सिन्हा, पार्वती देवी शामिल हुए। व्रती माता एवं बहनों से मुलाकात कर हलषष्ठी की शुभकामनाएं दी।
बता दें कि देवी हलष्ष्ठी की पूजा में हल चलाकर उपजाए गए अन्न का उपयोग नहीं किया। इसलिए आज के दिन बिना हल चलाए उपजे पसहर धान के चावल, भैंस का दूध, दही और घी से बने भोग देवी को अर्पित कर किया जाता है और महिलाएं पसहर चावल से बनी भोग और छह प्रकार की भाजी से बनी साग को प्रसाद के रूप में ग्रहण कर व्रत की पारणा करती हैं।

खुर्सीपार में माताओं ने की भगवान शिव – पार्वती की पूजा
खुर्सीपार में भी माताओं ने सगुरी बनाई और भगवान शिव – पार्वती की कथा वाचन कर संतान सुख प्राप्ति एवं परिवार के सुख समृध्दि की कामना की। पूजा में खेमलता साहू, सोनी, खोज कुमारी, केशरी बाई, भुनेश्वरी साहू, कल्याणी देवांगन, अमरीका बाई देवांगन, तारामती योगिता साहू, टेमिन बाई, प्रतिमा साहू, नारायणी साहू, रानी साहू शामिल हुए।

पूजा में इनका है विशेष महत्व
भादो माह की छठवी तिथि को मनाए जाने वाले कमरछठ पूजा में सरफोक के दातुन, छः प्रकार के भाजी ,काशी (कूश)के फूल, महुआ के पत्ता और फूल, धान की लाई, छह प्रकार के अनाज गेंहूं,चना,अरहर, मसूर, तिवरा, और मूंग श्रीफल का विशेष महत्व है।
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