Homeधर्म-समाजमिसाल : मानवता से बढ़कर कुछ नहीं, संक्रमण से जूझ रहे साथी...

मिसाल : मानवता से बढ़कर कुछ नहीं, संक्रमण से जूझ रहे साथी की जान बचाने अधिकारी ने दिए एक लाख

रिसाली @ news-36.कोरोना के संक्रमण को लेकर आज ऐसी परिस्थिति है कि अपने भी साथ खड़़े होने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन समाज में ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जो अपने न होते हुए भी आगे आकर मदद कर रहे हैं। जान बचाने के लिए जमा पूंजी से इलाज कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। मानवता की कुछ ऐसी मिशाल नगर पालिक निगम रिसाली के नोडल अधिकारी रमाकांत साहू ने पेश किया है। उन्होंने अपने ड्रायवर की जान बचाने के लिए जमा पूंजी में से एक लाख रुपए का सहायता राशि प्रदान की है।
नेक दिल वाले अधिकारी साहू का कहना है कि ऐसे विपत्ति समय में मानवता से बड़ा कुछ नहीं। उन्होंने कोई हटकर काम नहीं किया है। बस थोड़ी सी मदद की जिससे एक साथी की जान बच गई। वर्तमान में टुमन (ड्रायवर) पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुका है। वह काम पर लौटना चाह रहा है, लेकिन नोडल अधिकारी बेहतर स्वास्थ्य लाभ के लिए आराम करने की सलाह दे रहे है।
सांसे उखडऩे लगी तब पहुंचाया अस्पताल
पूछने पर नोडल अधिकारी ने बताया कि अप्रैल प्रथम सप्ताह में टुमन कोरोना संक्रमित हुआ। जांच रिपोर्ट आने पर उसे घर पर रहने और उपचार कराने की सलाह दी दवाईयां भी उपलब्ध कराई। इस दौरान अधिकारी रोज अपने सारथी की पूछ परख करते। अचानक बात नहीं कर पाने पर तत्काल उसे चंदूलाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। स्थिति और ज्यादा बिगडऩे पर नोडल अधिकारी उसे एस आर हॉस्पीटल चिखली के गहन चिकित्सा ईकाई में भर्ती कराया।
ऐसे की मदद
नोडल अधिकारी ने बताया कि शुरूआत में वह 20 हजार जमा कर एस आर अस्पताल में ईलाज शुरू कराया था। पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद बिल को देख परिवार वालों को लगा कि पैर तले से जमी खिसक चुकी है। महज दस हजार महिना कमाने वाले टुमन का परिवार अस्पताल का भारी भरकम बिल जमा करने अस्मर्थ थे। तब नोडल अधिकारी ने परिवार वालों को साहस दिलाया और परिजन बनकर एक लाख रूपए की सहायता की।

RELATED ARTICLES

Most Popular

error: Content is protected !!