4 सीजेरियन केस में से 2 तो बेहद जटिल,नर्सिंग स्टाफ के हौसले से गूंज उठा धमधा अस्पताल

1724
Advertisement only
  • -जून में लाकडाउन खुलने सेे आरंभ हो चुके हैं सी-सेक्शन डिलीवरी, महिला नसबंदी एवं पुरुष नसबंदी के आपरेशन भी हो रहे
  • -अस्पताल में सप्ताह में एक दिन आर्थाेपैडिक, पीडियाट्रिक और रेडियोलाजिस्ट की भी मिल रही सुविधा


दुर्ग @ news-36. का दिन धमधा स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर एवं मेडिकल स्टाफ के लिए बेहद खुशी से भरा रहा। उन्होंने एक साथ चार सिजेरियन डिलीवरी की, यही नहीं इसी दिन नसबंदी के 7 आपरेशन भी किये गये। इनमें से दो केस बेहद कठिन थे। बीएमओ डॉ. ड़ीपी ठाकुर ने बताया कि एक केस में प्रेग्नेंसी ओवरड्यू हो गई थी। इसकी वजह से जटिलताएं पैदा हुई थीं। इस मामले में बेहद सजगता से सी-सेक्शन किया गया। जज्चा और बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हैं। दूसरे मामले में ओवरवेट होने की वजह से शिशु के सी-सेक्शन में दिक्कतें थीं। यह सर्जरी भी सफलतापूर्वक की गई। शिशु का वजन तीन किलो 750 ग्राम था।

बीएमओ ठाकुर ने बताया कि यह सफलता डॉ. रचना अग्रवाल, डॉ. दिशा ठाकुर, स्त्री रोग विशेषज्ञ, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. शीतल यादव एवं नर्सिंग स्टाफ की टीम को मिली। एक ही दिन में इतना सारा कार्य करना मैराथन टास्क था लेकिन इसे सफलतापूर्वक किया गया। आज के दिन से हमें काफी हौसला अफजाई हुई है कि आगे भी जटिल केस भी हम सफलतापूर्वक कर सकते हैं साथ ही अधिक लोड की स्थिति में भी सजगता के साथ शानदार नतीजे दे सकते हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए एसडीएम बृजेश क्षत्रिय ने बताया कि हमारे लिए स्वास्थ्य सबसे अधिक प्राथमिकता का विषय है। लाकडाउन के बाद जून महीने में पुनः सी-सेक्शन और नसबंदी आपरेशन आरंभ कराये गये। अब तक जून महीने के बाद नसबंदी के 73 आपरेशन हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही ओपीडी को भी मजबूत करने की कोशिश हो रही है।

सप्ताह में एक दिन आर्थाेपैडिक डॉक्टर और रेडियोलाजी अपनी सेवा दे रहे हैं। अब पीडियाट्रिक भी सप्ताह में एक दिन अपनी सेवाएं देंगे। प्रसूता के पति भी अस्पताल की व्यवस्था से बहुत प्रसन्न थे। तिलक साहू ने बताया कि सीजेरियन डिलीवरी के लिए प्राइवेट हास्पिटल में ले जाना पड़ता, यहां इलाज काफी महंगा होता है। यहां धमधा हास्पिटल के डॉक्टर बहुत अच्छे हैं व्यवस्था भी अच्छी है। पूरे समय हमें वो ट्रीटमेंट के बारे में बताते रहे। मेरा यहां का अनुभव बहुत शानदार रहा। योगेश पटेल ने बताया कि सभी दवाइयां, भोजन वगैरह यहीं से मिलता रहा। हास्पिटल स्टाफ और डाक्टर बहुत सहयोगी हैं। मुझे बहुत अच्छा लगा। जितेन्द्र देवांगन ने बताया कि एक ही दिन में चार केस यहां आये और सभी अच्छे से हुए। ये बहुत अच्छा लगा कि डाक्टरों ने सबको बराबरी से समय दिया।

Previous articleखुड़मुड़ी स्कूल पहुंचे प्रभारी सचिव, पढ़ाई को लेकर 10वीं के विद्यार्थियों से किए सवाल
Next articleExclusive : आयुक्त ने कर्मचारी के सहमति के बिना कर दिया था रिसाली निगम में ट्रांसफर,आदेश पर हाईकोर्ट से स्टे