भिलाई @ news-36 कोरोना महामारी में सांसों (ऑक्सीजन)को लेकर अस्पतालों में हाहाकार मचा हुआ है। लोगों की जान बचाने के लिए शासन-प्रशासन भाग दौड़ कर रही है और मरीजों को किसी भी तरह से ऑक्सीजन मिल जाए इसकी व्यवस्था में जुटी हुई है। ऐसे समय में दुर्ग जिले के अधिकारियों ने 18 साल से बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट ढूंढ निकाली है। इस प्लांट शुरू करने की दिशा में अधिकारी कर्मचारी हर संभव प्रयास कर रहे हैं। यदि प्लांट फिर से शुरू हो जाती है तो लोगों के लिए यह जीवनदायिनी साबित हो सकती है।
मुख्यमंत्री के ओएसडी बंछोर ने किया प्लांट का निरीक्षण
मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ओएसडी मनीष बंछोर जिला प्रशासन के अधिकारी के साथ कुम्हारी टोल प्लाजा के समीप बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट का जायजा लिया। प्लांट को शुरू करने के संबंध में अधिकारियों से चर्चा की। इस संबंध में ओएसडी बंछोर ने बताया कि प्लांट में मेंटनेंस और पाइप लाइन क्लीयरेंस की जरूरत है। मेंटनेंस प्लांट को चालू किया जा सकता है। बता दें कि प्लांट में करीब 3000 हजार सिलेंडर रखा हुआ है। जिसका चेक करने के बाद उपयोग में लाया जा सकता है। निरीक्षण के दौरान चरोदा निगम आयुक्त कीर्तिमान सिंह राठौर, पाटन एसडीएम, धमधा एसडीएम, तहसीलदार सहित जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे।
18 साल से बंद है फैक्ट्री
यह प्लांट कुम्हारी टोल प्लॉजा के समीप है। पिछले 18 साल से बंद है। यह फैक्ट्री कोलकाता के किसी उद्योगपति है। जिसे यहां जालान फैक्ट्री के नाम से जाना जाता है।
बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट बन सकती है जीवनदायनी, मुख्यमंत्री के ओएसडी बंछोर ने अधिकारियों के साथ लिया कुम्हारी के प्लांट का जायजा
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