न्यूज डेस्क @ News-36. मुख्यमंत्री की चुप्पी तोडऩे के बाद पद से हटाए जाने की सियासी अटकले तेज हो गई हैं। दरअसल में मुख्यमंत्री ने पद से हटाए जाने पर कहा है कि, वह केन्द्रीय नेतृत्व के फैसले का पालन करेंगे।
बता दें कि लिंगायत समुदाय के नेता व कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा सरकार के दो साल 26 जुलाई को पूरे हो जाएंगे। जिसे लेकर उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन के शीर्ष नेतृत्व कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर उनके भविष्य के बारे में 25 जुलाई को उन्हें निर्देश देगा। उसका पालन किया जाएगा।
वहीं मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने अपने सहयोगियों और कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाया। येदियुरप्पा ने ट्वीट किया, ‘मुझे गर्व है कि मैं भाजपा का वफादार कार्यकर्ता हूं। मेरे लिए यह सम्मान की बात है कि मैंने ऊंचे आदर्शों का पालन करते हुए पार्टी की सेवा की है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि पार्टी के संस्कारों के अनुरूप आचरण करें और ऐसा कोई प्रदर्शन या अनुशासनहीनता न करें जिससे पार्टी को शर्मिंदगी झेलनी पड़े। हालांकि, येदियुरप्पा के इस ट्वीट को अब केंद्र के लिए भी संदेश माना जा रहा है।
मेल मुलाकात के बाद दिल्ली से लौटे सीएम
बीते हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ दिल्ली में भेंट- मुलाकात के बाद बेंगलुरू लौटे येदियुरप्पा लगातार धार्मिक मठों के संतों के साथ बैठक कर रहे हैं। येदियुरप्पा ने विभिन्न हिस्सों से लिंगायत मठों के 35 से अधिक संतों के साथ मुलाकात कर उनके प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। संतों ने कहा कि अगर भाजपा आलाकमान ने अगले दो से तीन दिनों में नेतृत्व परिवर्तन की अपनी कथित योजना पर पुनर्विचार नहीं किया, तो 300 से अधिक बिशप भी बेंगलुरु में इक_ा होंगे।