
न्यूज डेस्क. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट ने समर्थन मूल्य(MSP) में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। साल 2022-23 के लिए खरीफ फसलों का MSP बढ़ने से किसानों को अब नए दाम पर अपनी फसल की बिक्री कर सकेंगे। इससे उनकी कमाई में इजाफा होगा।
धान के समर्थन मूल्य में 100 रुपए प्रति क्विवंटल की बढ़ोत्तरी की गई है। सरकार के इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में 2022-23 में धान की कीमत 2640 रुपए हो जाएगा। अभी छग सरकार ने किसानों से सहकारी समितियों के माध्यम से 2540 रुपए धान की खरीदी कर रही है।
बुधवार को केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में तिल के दाम में 523 रुपये की बढ़ोतरी का निर्णय लिया है। इसी तहर से मूंग पर प्रति क्विंटल 480 रुपये की बढ़ोतरी होगी। सूरजमुखी पर 358 रुपये प्रति क्विंटल है। मूंगफली पर 300 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी।
बता दें कि 2014 से पहले 1-2 फसलों पर खरीद होती थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद बाकी फसलों को भी इसमें जोड़ा गया और किसानों की आय भी बढ़ी है। गौरतलब है कि लगातार तीसरे साल सरकार ने खरीफ की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया है। कैबिनेट की बैठक में 17 खरीफ फसलों के नई MSP को मंजूरी दी गई।
एमएसपी वह न्यूनतम समर्थन मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। फसलों की कीमतों में बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का असर किसानों पर नहीं पड़ता यानी भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हो, लेकिन किसानों की एमएसपी त होती है।
सरकार हर फसल सीजन से पहले सीएसीपी यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेस की सिफारिश पर एमएसपी तय करती है। खरीफ के अंतर्गत धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंग, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन, उडद, तुअर, कुल्थी, जूट, सन, कपास आदि। खरीफ की फसलें जून जुलाई में बोई जाती हैं। सितंबर-अक्टूबर में इनकी कटाई होती है।