- दुर्ग जिले से दो शिक्षिकाओं का मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित
- राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का वर्चुअल आयोजन, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षकों को दी बधाई
रायपुर @ News-36. शिक्षा का उद्देश्य बच्चों का समग्र विकास करना और बच्चों को व्यावहारिक जानकारी के साथ विभिन्न कौशल से युक्त करना है। ताकि वे पढ़ाई खत्म करने के बाद आत्मनिर्भर बन सके। नई शिक्षा नीति मेंं समावेशी शिक्षा पर भी जोर दिया जाए। विशेषकर सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। दिया जाएगा। इसके अलावा पृथक से जेंडर इन्क्लूजन फंड भी बनाया जाएगा। ताकि बालिकाओं को भी निर्बाध रूप से शिक्षा मिलती रहे। उक्त बातें राज्यपाल अनुसुईया उइके ने राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान-2020 समारोह में संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रथम शिक्षा हमें अपने घर से मिलती है, अनुभव और गलतियां हमारे सबसे बड़े शिक्षक हैं। वे हमें सिखाते हैं कि कैसे परिस्थितियों को संभालना है। महान शिक्षक भारत रत्न डॉ.राधाकृष्णन का मानना था कि शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करें। भारत की वर्तमान शिक्षा पद्धति विविध विषयों और प्रौद्योगिकियों के बारे में हमारे ज्ञान के विस्तार को बढ़ाती हैं। यह हमें हमारी संस्कृति और नैतिकता के बारे में जानने में मदद करती हैं। मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी के विषम काल में शिक्षा की बागडोर थामे रखने के लिए शिक्षक साथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने फ्रन्ट लाइन वारियर का भी काम किया है। मुख्ममंत्री ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न स्वर्गीय डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम जैसे महान शिक्षक हम सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य शिक्षक सम्मान पुरस्कार समारोह में सम्मानित सभी शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन शिक्षक दिवस में करने की परिपाटी रही है, लेकिन विगत वर्ष भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी के असामयिक निधन और कोरोना महामारी के कारण यह आयोजन नहीं हो पाया था। अभी प्रदेश में कोरोना का प्रभाव कम है और आगामी शिक्षक दिवस आने में अभी वक्त है। अत: इस बीच अपनी परम्परा को बनाए रखने के लिए यह आयोजन किया गया।।
राजभवन में इन्हें किया सम्मानित
शिक्षक मधु शर्मा महासमुंद, नरेश कुमार नायक महासमुंद, लीना वर्मा रायपुर और गोपाल वर्मा, रायपुर को शॉल-श्रीफ ल और 21 हजार रूपए का बैंक ड्रॉफ्ट देकर सम्मानित किया।
सीएम निवास में इनका सम्मान
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में राज्य शिक्षक सम्मान स्मृति पुरस्कार 2020 के अंतर्गत राज्य के प्रसिद्ध साहित्यकारों की स्मृति में 3 शिक्षकों रश्मि गुप्ता व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल लिबियाडीह बिलासपुर को डॉ. मुकुटधर पांडे स्मृति पुरस्कार, दिनेश कुमार पांडे उच्च श्रेणी शिक्षक शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ओछीनापार कोटा बिलासपुर को डॉ.बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार और मुन्नालाल देवदास प्रधान पाठक शासकीय बालक पूर्व माध्यमिक शाला कौंदकेरा फिं गेश्वर गरियाबंद को डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने पुरस्कृत तीनों शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र, शॉल श्रीफ ल और 50 हजार रूपए राशि का बैंक ड्रॉफ्ट प्रदान कर सम्मानित किया।

दुर्ग जिले से दो शिक्षिकाओं का सम्मान
मुख्यमंत्री ने बघेल ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली 2 शिक्षिकाओं शैलजा सुरेश व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोहका दुर्ग और डॉ.नीलांजना जैन उच्च श्रेणी शिक्षक शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नेवई दुर्ग को भी सम्मानित किया।स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम द्वारा कार्यक्रम में वर्ष 2020 में राज्य शिक्षक सम्मान पुरस्कार के लिए चयनित 54 शिक्षकों के नामों की घोषणा की गई। समारोह में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह और राज्यपाल के सचिव अमृत खलको उपस्थित थे। पुरस्कृत शिक्षक अपने-अपने जिलों से कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े।
इस अवसर पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना काल में दिवंगत शिक्षकों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में राज्य शिक्षक सम्मान स्मृति पुरस्कार 2020 हेतु चयनित 3 शिक्षकों और राज्य शिक्षक पुरस्कार 2019 के लिए चयनित 47 शिक्षकों को सम्मानित किया गया।