रायपुर @ news-36. आईपीएस एसपी राहुल शर्मा सुसाइड केस को लेकर सीबीआई के पूर्व मजिस्ट्रेट प्रभाकर ग्वाल ने चौकाने वाला खुलासा किया है. प्रभाकर ग्वाल ने पत्रकारवार्ता में ग्वाल ने कहा कि, इस केस में एडीजी जीपी सिंह को बचाने की कोशिश हो रही है. जब एसपी राहुल शर्मा ने सुसाइड किया था, तब जीपी सिंह बिलासपुर के आईजी थे. साथ ही राहुल शर्मा ने खुदकुशी से पहले सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें अपने बॉस पर प्रताडि़त करने का आरोप लगाया था, लेकिन अब भी जीपी सिंह को बचाने की कोशिश जारी है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि, कोई आत्महत्या करने के लिए आईपीएस नहीं बनता है. हमने खुद राहुल शर्मा की फाइल का अध्ययन किया है. राहुल शर्मा छोटी-मोटी हस्ती नहीं थी. राहुल शर्मा के मौत की वजह कुछ कोल माफिया का लगता है. उन्होंने यह भी कहा कि खैर अभी तो सब कुछ पिक्चर से गायब है. उन्होंने कहा कि, सुसाइड के वक्त पुलिस परिसर में जो थे, जिनकी लिप्त होने की संभावना है. उसमें किसी का भी बयान ठीक से नहीं लिया गया था. वहां मौजूद तीन व्यक्ति ही बताएंगे कि वह क्यों मरा है या फिर यह रहा होगा कि उन लोगों ने ही उसे मारा है.
ग्वाल ने कहा कि राहुल शर्मा आत्महत्या जैसे बड़े-बड़े मामले जब तक उजागर नहीं होंगे, तो छत्तीसगढ़ में किसी को भी न्याय नहीं मिल पाएगा. विवेचना में और साक्ष्य को दबाया गया है. छुपाया गया है. इस मौत के पीछे प्रथम दृष्टया सुसाइड नोट के अनुसार जीपी सिंह और सतीश अग्निहोत्री का हाथ लग रहा है. उस घटना स्थल पर जो लोग उपस्थित थे, वह लोगों की संलिप्तता है. ग्वाल ने कहा कि राहुल शर्मा के सुसाइड नोट के अनुसार जीपी सिंह और सुशील अग्निहोत्री का हाथ है.
प्रभाकर ग्वाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस केस में आईपीएस राहुल शर्मा का लैपटॉप अब तक गायब है. वो लैपटॉप में कई तरह के दस्तावेज और जरूरी जानकारियां रखते थे. आज तक उनकी कॉल डीटेल सामने नहीं आ सकी. साथ ही उन्होंने कहा कि आईपीएस के साथ कुछ और अफ सर भी इस केस में शामिल थे, उन्हें भी बचाया जा रहा है. राहुल शर्मा की मौत अकेले जीपी सिंह के बस की बात नहीं थी. प्रभाकर ग्वाल इस केस में कार्रवाई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं.