
- राजीव गांधी किसान न्याय योजना की वर्ष 2021-22 की द्वितीय किस्त जारी
- दुर्ग जिले के 1 लाख 1 हजार 78 किसानों के खाते में 68 करोड़ 44 लाख 9 हजार हुए जमा
रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को निवास कार्यालय में देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती ‘सद्भावना दिवस‘ पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना की दूसरी किश्त और गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में 1750.24 करोड़ रुपए अंतरित किए। वहीं गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों गोबर विक्रेताओं, महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों के खातों में 5 करोड़ 24 लाख रूपए की राशि का अंतरण किया।
कार्यक्रम में कलेक्टर और किसान भी जुड़े
कार्यक्रम के माध्यम से मुख्यमंत्री ने दुर्ग जिले में राजीव गांधी किसान न्याय योजना की वर्ष 2021-22 की द्वितीय किस्त के रूप में 1 लाख 1 हजार 78 किसानों को 68 करोड़ 44 लाख 9 हजार रूपये ,सीधे किसानों के खाते में अंतरित किये। मुख्यमंत्री के बटन दबाते ही किसानों, मजदूरों और पशुपालकों में खुशी की लहर का संचार हुआ और सभी के चेहरों पर मुस्कान दिखी। इस अवसर पर कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा के साथ दुर्ग में जिला कार्यालय के चिप्स सेंटर में स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं किसान हितग्राही भी मौजूद थे।

कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा के साथ जिला कार्यालय के चिप्स सेंटर में स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं किसान भी मौजूद रहे
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के किसानों, भूमिहीन कृषि मजदूरों, पशुपालकों एवं महिला समूहों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने न्याय योजना के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति के सामाजिक एवं आर्थिक अधिकार को सुनिश्चित किया है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सबसे ज्यादा वर्मी कंपोस्ट उपयोग करने वाले किसानों का राज्योत्सव में सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों की खुशहाली राज्य सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। बता दें कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना में किसानों को अब तक किया गया 14,665 करोड़ रुपए और गोबर विक्रेताओं को अब तक 158.24 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
छत्तीसगढ़ की इकॉनामी में सुधार हुआ-कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना से छत्तीसगढ़ की इकॉनामी में सुधार हुआ है। बैंकों का किसानों के प्रति विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इस योजना से पिछले तीन सालों से किसानों की संख्या 8 लाख बढ़ी है। गांवों में खेतों का बिकना रूका है। किसान अब खेत खरीद रहे हैं। इन योजनाओं का प्रारंभ होना क्रांतिकारी कदम है।
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