32 बंगला में माननियों की फेहरिस्त बढ़ी, केबिनेट मंत्री और विधायक को बीएसपी ने अलॉट किया बंगला

3360
Advertisement only

ताराचंद सिन्हा/ भिलाई @ news-36. भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) के टाउनशिप का आवास, छत्तीसगढ़ राज्य के अधिकारी और माननियों (मंत्री, सांसद, विधायक) को खूब पसंद आ रहा है। यही वजह है कि नगर सेवाएं विभाग में हाउस एलॉटमेंट की सूची में शासन-प्रशासन के अधिकारी और माननियों की संख्या कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही है।

केबिनेट मंत्री और विधायक को आवास आवंटित
हाल ही में बीएसपी के नगर सेवाएं विभाग ने छत्तीसगढ़ सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया और अनुसूचित आयोग के अध्यक्ष व डोंगरगढ़ विधायक भुनवनेश्वर शोभाराम बघेल को 32 बंगला स्थित आवास आवंटित किया है। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया को बंगला नंबर-15 अलॉट किया गया है, तो वहीं डोंगरगढ़ विधायक बघेल को पुलिस ऑफिसर्स मेस के बाजू वाले आवास आवंटित किया गया है। इससे पहले 32 बंगला क्षेत्र में पूर्व केबिनेट मंत्री रमशीला साहू, पूर्व सांसद स्व.ताराचंद साहू के सुपुत्र व भाजपा नेता दीपक साहू और पूर्व राज्य मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीडी कुरैशी का आवास है। इसी क्षेत्र में पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना को भी आवास आवंटित किया गया था। जानकारी के अनुसार उन्होंने आवास से अपना कब्जा खाली कर दिया है और आवास बीएसपी को हैंडओवर कर दिया है।

32 बंगला टाउनशिप

जिले से ट्रांसफर हो चुके कई अफसरों के हैं आवास

टाउनशिप में राज्य सरकार के ऐसे कई अफसरों के आवास है, जिनका दुर्ग जिला से 4-5 साल पहले ही ट्रांसफर हो चुका है। बावजूद इसके राज्य सरकार के अधिकारी या अन्य लोग मकान नहीं छोड़ रहे हैं। हास्पिटल सेक्टर, सेक्टर-9, सेक्टर-10 आवास को अपने कब्जे में रखे हुए हैं। यही वजह है कि बीएसपी के अधिकारियोंं को पद श्रेणी और प्रतिष्ठा के अनुरूप आवास नहीं मिल रहा है। वे छोटे मकानों में रहने को मजबूर हैं।

बढ़ रहा अंदरूनी आक्रोश
इधर ग्रेड के अनुसार आवास नहीं मिलने की वजह से बीएसपी के अधिकारी-कर्मचारियों में अंदरूनी आक्रोश बढ़ रहा है। पिछले साल यूनियन और बीएसपी ऑफिसर्स ऐसोसिएशन ने अधिकारी कर्मचारियों के आवास की समस्या मुद्दा उठाया था। बीएसपी के सीईओ अनिर्बान दास गुप्ता को पत्र और ज्ञापन के माध्यम से थर्ड पाटी आवंटन वाले आवासों को कब्जामुक्त करने की मांग भी की थी, लेकिन प्रबंधन इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया।

शहर में चर्चा, आवास आखिर टाउनशिप में ही क्यों ?

90 विधानसभा और 11 लोकसक्षा क्षेत्र वाले छत्तीसगढ़ राज्य में अधिकारियों और ूमाननियों के लिए राजधानी, संभाग और सभी जिला मुख्यालयों में सरकारी आवास की व्यवस्था है। प्रशासनिक व्यवस्था के मुताबिक सरकारी आवास भी अलॉट किया गया है। इसके बावजूद अफसर और माननियों को भिलाई इस्पात संयंत्र के टाउनशिप स्थित आवास पसंद बना हुआ है। टाउनशिप में अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के आवास का विषय इन दिनों लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

Previous articleट्रस्ट की बैठक में बड़ा निर्णय, सीपीएफ से ले सकते हैं लोन
Next articleफ्लाईओवर के गड्ढे में डूबने से 10वर्षीय बालक की मौत