- ब्रांडेड कंपनियों की फ्रेंचाइसी देने की आड़ में सैकड़ों लोगों को लगा चुके हैं लाखों का चूना
- छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने बिहार की नवादा से बाप-बेटे को किया है गिरफ्तार
- आरोपियों के पास से मोबाइल, लैपटॉप और एटीएम कार्ड और 4 लाख से अधिक की नगदी बरामद
भिलाई. जिस आरोपी को देश के 17 राज्यों की पुलिस ढूंढ रही थी, उसे छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने ढूंढ निकाला। दुर्ग पुलिस की टीम ने जालसाज को बिहार के नवादा से गिरफ्तार किया है। छत्तीसगढ़ की पुलिस को आरोपी तक पहुंचने के लिए 10 दिनों तक बिहार में रेकी करना पड़ा है। तब कहीं जाकर आरोपी पुलिस के गिरफ्त में आया है। पुलिस ने बिहार के नवादा से दो आरोपी को गिरफ्तार कर छत्तीसगढ़ लाई है। वहीं ठग गिरोह के एक आरोपी फरार है। पुलिस की टीम शुक्रवार को आरोपियों को लेकर बिहार से भिलाई पहुंची और आरोपियों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर दुर्ग जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया। जहां से दोनों आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर रखा गया है।
KFC,jocky जैसे ब्रांडेड कंपनियों की फ्रेंचाइसी के नाम पर की धोखाधड़ी
ब्रांडेड कंपनियों की फ्रेंचाइसी और आनलाइन मार्केटिंग के मामले में बड़ा खुलासा किया है। पुलिस के अनुसार आरोपी ब्रांडेड कंपनी Indian Oil, Job Ki Quick, Car Finance,Wow Momo, McDonald’s, Domino’s,KFC,Bajaj Finsarve, Haldiram, Patanjali, Chai Sutta Bar, Apollo Tyre, Okinawa Motors, MG Hector, JK Tire, पवन हंस जैसे अन्य कंपनियों के नाम की फेंक वेबसाइट बनाकर फ्रेंचाइसी दिलाने के नाम पर होस्टिंग करता था। फेक वेबसाइट पर दिए गए मोबाइल नंबर से संपर्क करने वालों से धाेखाधड़ी करता था। इस तरह से इन आरोपियों ने देश के 27 राज्यों के सैंकड़ों लाेगों को अपना शिकार बना चुके हैं। आरोपियों ने KFC के अलग अलग 11 ब्रांच की फ्रेंचाइसी देने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी की है।
सुपेला थाना प्रभारी ने शिकायत को लिया गंभीरता से
डेजी तालपुरी /424 के रहने वाले राजेश कुमार तिवारी ने 9 जनवरी 2023 को सुपेला थाना में शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने अभिषेक मित्तल और राहुल मित्तल नाम के व्यक्तियों के द्वारा केएफसी के फ्रेंचाइसी दिलाने के नाम पर एक लिंक पर आवेदन करने कहा। जब आवेदन किया तो अलग अलग नंबर से बातचीत कर बैंक अकांउट में दो बार में कुल 9 लाख 30 500 रुपए जमा करवाए, लेकिन फ्रेंचाइसी नहीं दिलाया। इसे सुपेला थाना प्रभारी दुर्गेश शर्मा ने गंभीरता से लिया और एसपी डॉ अभिषेक पल्लव के निर्देशानुसार टीम को आरोपियों के मोबाइल लोकेशन के आधार पर बिहार भेजा गया।
नवादा के रहने वाले हैं नटवर लाल बाप- बेटे
पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए 10 दिनों तक बिहार के नवादा जिले के वारसलिगंज भवानी बीघा में रेकी किया। तब कहीं जाकर राम प्रवेश 48 वर्ष और उनके बेटे आरोपी सूरज कुमार प्रसाद 24 साल पकड़ में आए। वहीं इस गिरोह के एक आरोपी फरार हैं। पुलिस ने आरोपी के पास से मोबाइल फोन, लैपटॉप, बैंकों के एटीएम कार्ड ,पेन आधार कार्ड और ₹4,59,000 नगद बरामद किया है।
पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया कि, टीम पिछले 10 दिनों से बिहार में रेकी कर रहा था और आरोपियों के आने जाने की सभी संभावित ठिकानों के बारे में पता कि जिसके आधार पर फरार आरोपी सूरज कुमार अब उसके संभावित सभी ठिकानों पर निगाह रखी गई इसी दौरान सूरज कुमार की उपस्थिति में गांव में हो ना पता चला पुलिस ने आरोपियों का पीछा करते हुए बलवा पर वर्ष वारसलीगंज में घेराबंदी कर आरोपी सूरज कुमार को गिरफ्तार किया है एक अन्य आरोपी सुभाष कुमार फरार है पुलिस इनकी पता लगाने में जुटी हुई है।
250 से अधिक वेबसाइट की फेक वेब पेज
जब पुलिस ने आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ की तो आरोपी बाप बेटा निकला। आरोपी राम प्रवेश एवं सूरज कुमार बाप बेटे हैं। आरोपियों ने बताया कि Indian Oil, Job Ki Quick, Car Finance,Wow Momo, McDonald’s, Domino’s,KFC,Bajaj Finsarve, हल्दीराम, पतंजलि, चाय सुट्टा बार, अपोलो टायर, ओकिनावा मोटर्स, एमजी हेक्टर, जेके टायर, बाइक डीलर समेत करीब 250 वेबसाइट के नाम पर फर्जीवाड़ा किया है।आरोपियों ने विभिन्न कंपनियों के वेबसाइट को कापी कर लेते थे।
होस्टिंग कर लोगों को बनाते थे शिकार
go-daddy, Web hostting, network solution, पर अपलोड कर देता था। जब लोग गूगल पेज पर इन्हें सर्च करते थे। फ्रेंचाइजी के लिए जो लोग ऑनलाइन वेबसाइट पर सर्च जाकर सर्च करते थे। या फिर उनके कांटेक्ट पर जाकर संपर्क करते थे। उनसे फोन पर बातचीत, मेल एवं चैटिंग के माध्यम से झांसा देकर फंसाने का काम करते थे। लोगों को फ्रैचाइसी देने के नाम पर उपलब्ध कराए गए बैंक खातों में जमा राशि को ऑनलाइन आहरण और धोखाधड़ी की घटना को अंजाम देते थे।
देश के 17 राज्यों में फैला रखा था नेटवर्क
देश के कुल 17 राज्यों में आरोपियों का नेटवर्क होने का खुलासा हुआ है। आरोपियों ने फर्जी व फेक वेबसाइट के माध्यम से कई लोगों से धोखाधड़ी किया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अपने क्षेत्र के थानों से संपर्क एफआईआर दर्ज करा रहे हैं।