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Big News : गोवंश में होने वाले आनुवांशिक बीमारियों का पता लगा सकेंगे छत्तीसगढ़ के पशु चिकित्सक, कृषि मंत्री ने लैब का किया लोकार्पण

दुर्ग @ news-36. छत्तीसगढ़ सरकार के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। गोवंश में होने वाले अनुवांशिक बीमारियों के बारे में पता लगाने के लिए आधुनिक जेनेटिक स्क्रीनिंग लैब तैयार हो गई है। जहां राज्य के पशु चिकित्सक परीक्षण कर गोवंश में होने वाले अनुवांशिक बीमारियों का आसानी से पता लगा सकेंगे। साथ ही पशुओं में बीमारी के पीछे कौन से जीन एक्टिव है यह जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है।

दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा, दुर्ग में नवस्थापित जेनेटिक स्क्रीनिंग प्रयोगशाला का बुधवार को कृषि एवं पशुपालन मंत्री रविन्द्र चौबे ने शुभारंभ किया। उन्होंने पशु चिकित्सा महाविद्यालय के प्राध्यापकों को पशु चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में चल रहे अनुसंधान की सराहना करते हुए शासन की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन के लिए प्रोत्साहित किया।


वार्षिक प्रतिवेदन का किया विमोचन

विश्वविद्यालय के वार्षिक प्रतिवेदन 2019-20 का विमोचन भी किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता एवं कुलपति डॉ. एन.पी. दक्षिणकर, अधिष्ठाता डॉ. एस.के. तिवारी, कुलसचिव शशिकांत काले, निदेशक अनुसंधान सेवाऐं डॉ. ओ.पी.मिश्रा, निदेशक शिक्षण डॉ. एस.पी. इंगोले एवं अन्य प्राध्यापकगण तथा कर्मचारीगण उपस्थित रहे। निदेशक अनुसंधान सेवाएं डॉ. ओ.पी. मिश्रा ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। पशु आनुवांशिकी एवं प्रजनन विभाग के अध्यक्ष डॉ. के. मुखर्जी ने अतिथियों को महाविद्यालय परिसर का भ्रमण कराया।

प्रदेश की एकमात्र प्रयोगशाला
यह छत्तीसगढ़ की एकमात्र प्रयोगशाला है। जहां गोवंशीय पशुओं में पांच प्रमुख आनुवांशिक सहित अन्य बीमारियों के बारे में पता लगाया जा सकेगा। जेनेटिक लैब में अनुवांशिक बीमारी बता लगाने के बाद अनुप्रयुक्त नर पशु को प्रजनन कार्य से पृथक किया जा सकेगा, जिससे यह बीमारी उनकी संतानों में ना फैले।


पांच प्रमुख अनुवांशिक बीमारी को चिन्हित

शासन ने सांडों के माध्यम से होने पशुओं में फैलने वाले पांच प्रमुख अनुवांशिक बीमारी BLAD, DUMPS, BC, FXID, CVM को चिन्हित किया है। इस वजह से जेनेटिक लैब की आवश्यकता थी जिसे ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने पशु चिकित्सा महाविद्यालय में यह सुविधा सुनिश्चित की है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (रफ्तार) की वित्तीय सहायता से सहा.-प्राध्यापक डॉ.असीत जैन एवं प्रमुख अन्वेषक के मार्गदर्शन में लैब तैयार किया गया है।

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