नई दिल्ली.@ news-36. कानपुर के परौंख गांव के लोगों का वर्षों का इंतजार आज खत्म हो गया। राष्ट्रपति बनने के करीब चार साल बाद रामनाथ कोविंद आज पहली बार अपने पैतृक गांव परौंख पहुंचे। चॉपर से उतरते ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जन्मभूमि को नमन किया। उसकी मिट्टी माथे पर लगाई। राष्ट्रपति सबसे पहले पथरी देवी मंदिर पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद और उनकी बेटी भी मौजूद रहीं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी उनके साथ मंदिर पहुंचीं। राष्ट्रपति ने पथरी देवी मंदिर में माथा टेका और परिक्रमा की। करीब 15 मिनट तक विधि-विधान से पुजारी कृष्ण कुमार बाजपेई ने पूजा संपन्न कराई। राष्ट्रपति इस मौके पर फल-मिष्ठान अपने साथ ही लाए थे। राष्ट्रपति ने देवी के चरणों में 11 हजार रुपये अर्पित किए। पुजारी को 11 सौ रुपये भेंट दी। राष्ट्रपति ने इस मौके पर अपनी बेटी, मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पथरी देवी मंदिर के महत्व और अपने पिता द्वारा की गई देखरेख के बारे में भी बताया।
हेलीकाप्टर से पहुंचे राष्ट्रपति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार सुबह 09:05 बजे एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से अपने पैतृक गांव परौंख पहुंचें। पथरी देवी का पूजा अर्चना करने के बाद आंबेडकर पार्क गए डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। यहां से वह प्राथमिक विद्यालय के कार्यक्रम मेें शामिल हुए। जहां वह परिवार के लोग रिश्तेदारों और संबंधियों सहित करीब 30 लोगों को मिलने की इजाजत दी गई है। राष्ट्रपति के बालसखा राजकिशोर भी उनसे मुलाकात की।
नासिक के गुलाब व लखनऊ के रजनीगंधा से सजा मंदिर
राष्ट्रपति पैतृक गांव आने पर पथरी देवी मंदिर में परिवारीजनों समेत पूजन करने जाएंगे। इसे देखते हुए पथरी देवी मंदिर को नासिक के गुलाब, लखनऊ के रजनीगंधा आदि फूलों से सजाया गया। मंदिर में छह प्रकार के करीब तीन क्विंटल फूल लगाए गए हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन दिवसीय दौरे पर
महामहिम के मेहमान बनने की खुशी में गांव के लोग अपने लल्ला से मिलने की आस से आनंदित नजर आए। स्वागत में पलक पावड़े बिछाए ग्रामवासी राष्ट्रपति के स्वागत के लिए द्वार-द्वार रंगरोगन कर रखे थे। घरों के सामने रंगोली और दीप जलाकर उनका स्वागत किया।