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छोटे भाई ने बड़ी बहन को कोचिंग देकर बनाया असिस्टेंट प्रोफेसर, पढ़िए कुथरेल की इस बेटी ने ओबीसी वर्ग में कैसे हासिल किया प्रथम पायदान

दुर्ग @ news-36 देश ही नहीं बल्कि सात समंदर पार प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले ग्राम कुथरेल के युवा न केवल अपनी काबिलियत का प्रदर्शन कर रहे हैं, साथ ही अपने गांव के नाम का परचम भी लहरा रहे हैं। काबिलियत और मेहनत से युवा वर्ग नए-नए मुकाम हासिल कर रहा है। खासकर की कुथरेल गांव के युवा जहां सभी क्षेत्र में अग्रणी है वहीं यहां की बेटियां लगातार हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अपना नाम सफल लोगों की सूची में दर्ज करा रही हैं।

ग्राम कुथरेल निवासी रागिनी साहू का पीएससी परीक्षा के माध्यम से असिस्टेंट प्रोफेसर (अंग्रेजी) के पद पर चयन हुआ है। उन्होने यह उपलब्धिओबीसी वर्ग में प्रथम स्थान हासिल कर प्राप्त किया है। रागिनी साहू शुरू से ही मेधावी छात्रा रही है। रागिनी की प्रारंभिक पढ़ाई गांव से शुरू हुई। उन्होने 10 वीं व 12 वीं की परीक्षा उच्चतर माध्यमिक शाला ग्राम अंडा और ग्रेजुएशन की परीक्षा सेठ रतनचंद सुराना महाविद्यालय से अच्छे अंक लेकर उत्तीर्ण की। शासकीय कला, विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय दुर्ग से अंग्रेजी में पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। इसके बाद से वह साइंस कॉलेज दुर्ग में ही अतिथि प्राध्यापक के रूप में अपनी सेवाएं दे रही थी।

छोटे भाई ने प्रतियोगी परीक्षा के लिए किया प्रेरित

रागिनी बताती हैं कि उन्हें राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा दिलाने के लिए छोटे भाई तारकनाथ साहू ने प्रेरित किया। वह पीएससी की तैयारी कर रहा है। उन्होंने मुझे प्रतियोगी की तैयारी कराया और एक शिक्षक की तरह कोचिंग भी दिया। इसके अलावा मेरे बडे़ पिताजी राजकुमार साहू व लोचन सिंह साहू ने भी प्रोत्साहित किया। माता-पिताजी ने सपने को पूरा करने के लिए मेहनत करना सिखाया।

सफलता का राज, मेहनत और सिर्फ मेहनत

रागिनी का कहना है कि ये मायने नहीं रखता कि आप कहां से आते हैं, बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने संघर्ष से कितनी ऊंचाई को प्राप्त करते हैं। लक्ष्य बनाइए और ईमानदारी से मेहनत करिए। आपकी मेहनत ही आपको निश्चित सफलता दिलाएंगी।

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